वाशिंगटन, 7 जुलाई 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका और हाल में शामिल मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात) को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर घोषणा की कि जो भी देश ब्रिक्स की “अमेरिका विरोधी नीतियों” का समर्थन करेंगे, उन पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि इस नीति में कोई अपवाद नहीं होगा।
यह बयान ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान आया, जहां ब्रिक्स देशों ने वैश्विक व्यापार में अमेरिकी टैरिफ नीतियों की आलोचना की थी। ब्रिक्स नेताओं ने एक मसौदा बयान में ट्रंप की “अनुचित” और “अवैध” टैरिफ नीतियों पर गंभीर चिंता जताई, जिसे वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक बताया गया।
ट्रंप ने अपने बयान में “अमेरिका विरोधी नीतियों” की परिभाषा स्पष्ट नहीं की, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह ब्रिक्स देशों द्वारा अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती देने और डी-डॉलराइजेशन (अमेरिकी डॉलर के विकल्प की तलाश) की कोशिशों से संबंधित हो सकता है। इससे पहले, ट्रंप ने फरवरी 2025 में ब्रिक्स देशों को 100% टैरिफ की धमकी दी थी, यदि वे डॉलर के स्थान पर कोई अन्य मुद्रा अपनाने की कोशिश करते हैं।
ट्रंप ने यह भी घोषणा की कि सोमवार, 7 जुलाई को दोपहर 12 बजे (पूर्वी समय) से विभिन्न देशों को टैरिफ पत्र भेजे जाएंगे, जिसमें देश-विशिष्ट टैरिफ दरें और व्यापार समझौतों का विवरण होगा। यह कदम 9 जुलाई की समय सीमा से पहले उठाया गया है, जब अप्रैल में घोषित 90-दिन की टैरिफ स्थगन अवधि समाप्त हो रही है।
ब्रिक्स देशों, विशेष रूप से भारत, ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौतों को अंतिम रूप देने की कोशिश की है, लेकिन अभी तक भारत के साथ कोई समझौता नहीं हुआ है। भारत ने ब्रिक्स घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें अमेरिकी टैरिफ की निंदा की गई थी, जिसके बाद ट्रंप का यह बयान सामने आया। भारत ने हालांकि डी-डॉलराइजेशन जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सतर्क रुख अपनाया है, ताकि अमेरिका के साथ अपने आर्थिक संबंधों को सुरक्षित रखा जा सके।
ट्रंप की इस धमकी ने वैश्विक व्यापार में नई अनिश्चितता पैदा कर दी है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि टैरिफ युद्ध वैश्विक अर्थव्यवस्था को अस्थिर कर सकता है और उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि का कारण बन सकता है।