मुंबई, 6 जुलाई 2025, रविवार: मुंबई के वर्ली डोम हॉल में शनिवार को एक ऐतिहासिक नजारा देखने को मिला, जब शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे एक मंच पर नजर आए। ठाकरे बंधुओं का यह मिलन महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू करने का संकेत देता है। इस संयुक्त रैली में दोनों भाइयों ने एकजुट होकर सत्तारूढ़ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर जमकर निशाना साधा। लेकिन फडणवीस भी कहां चुप रहने वाले थे? उन्होंने इस रैली पर तीखा तंज कसते हुए उद्धव के भाषण को ‘विजय उत्सव’ नहीं, बल्कि ‘रुदाली’ करार दिया।
ठाकरे बंधुओं की एकजुटता: ‘फडणवीस की देन’
वर्ली डोम हॉल में उमड़ी भीड़ ने इस रैली को यादगार बना दिया। कार्यकर्ताओं का उत्साह इतना था कि वे गेट तोड़कर हॉल में घुस गए। मंच पर सिर्फ उद्धव और राज ठाकरे थे, जिन्होंने एक सुर में फडणवीस सरकार की आलोचना की। राज ठाकरे ने कहा, “हम दोनों भाई फडणवीस की वजह से एक हुए हैं।” उद्धव ने भी तीखे शब्दों में कहा कि अन्नाजी पंत ने उनके बीच की दरार को पाटने में अहम भूमिका निभाई। दोनों ने मिलकर फडणवीस सरकार को मराठी अस्मिता और मुंबई के विकास के मुद्दे पर घेरा।
फडणवीस का पलटवार: ‘रुदाली’ तंज और बालासाहेब का आशीर्वाद
देवेंद्र फडणवीस ने इस रैली पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और ठाकरे बंधुओं के हमले का जवाब अपने अंदाज में दिया। उन्होंने कहा, “मैं पहली बार राज ठाकरे को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे दोनों भाइयों को एक करने का श्रेय दिया। मुझे लगता है कि बालासाहेब ठाकरे मुझे आशीर्वाद दे रहे होंगे।” लेकिन फडणवीस यहीं नहीं रुके। उन्होंने उद्धव के भाषण पर चुटकी लेते हुए कहा, “यह विजय रैली होनी थी, लेकिन यह तो ‘रुदाली’ भाषण बन गया।” ‘रुदाली’ शब्द, जो राजस्थान में अंतिम संस्कार में रोने के लिए किराए पर बुलाई जाने वाली महिलाओं को संदर्भित करता है, फडणवीस के तंज को और तीखा बनाता है।
फडणवीस ने उद्धव के भाषण की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें मराठी भाषा और संस्कृति से ज्यादा उनकी सरकार के पतन और सत्ता में वापसी की बातें थीं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “उद्धव को मराठी अस्मिता की चिंता है, लेकिन उनके 25 साल के बीएमसी शासन में मराठी लोगों को मुंबई से भगाया गया।”
मराठी अस्मिता पर फडणवीस का दावा
फडणवीस ने ठाकरे बंधुओं के मराठी अस्मिता के दावों को खारिज करते हुए कहा, “हमने मुंबई की सूरत बदली। बीडीडी चाल, पात्रा चाल और अभ्युदय नगर के मराठी लोगों को हमने बड़े घर दिए। यह उनकी ईर्ष्या का कारण है।” उन्होंने जोर देकर कहा, “मराठी हो या अमराठी, मुंबई में सब हमारे साथ हैं। हम मराठी हैं, हमें अपनी भाषा और हिंदुत्व पर गर्व है, लेकिन हमारा हिंदुत्व सबको साथ लेकर चलता है।”
सियासत का नया रंग
ठाकरे बंधुओं की यह एकजुटता और फडणवीस का तीखा जवाब महाराष्ट्र की सियासत में नया रंग भर रहा है। एक तरफ ठाकरे बंधु मराठी अस्मिता और मुंबई के मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावर हैं, तो दूसरी तरफ फडणवीस ने इसे ‘रुदाली’ करार देकर न केवल जवाब दिया, बल्कि अपनी सरकार के कामकाज का बखान भी किया। यह सियासी जंग अब और दिलचस्प हो गई है, और आने वाले दिन महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरण ला सकते हैं।
क्या यह ठाकरे बंधुओं की एकता सियासी समीकरण बदल देगी, या फडणवीस का ‘रुदाली’ तंज जनता के बीच गूंजेगा? यह तो वक्त ही बताएगा।