वाराणसी, 5 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) ने अपराध की दुनिया में हड़कंप मचा देने वाली कार्रवाई करते हुए छत्तीसगढ़ के चर्चित संजीव त्रिपाठी हत्याकांड के मुख्य आरोपी विनय कुमार द्विवेदी उर्फ बासू उर्फ ‘गुरुजी’ को आखिरकार धर दबोचा। तीन साल से फरार यह शातिर अपराधी न केवल त्रिपाठी हत्याकांड, बल्कि 2019 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के छात्र गौरव सिंह की हत्या में भी शामिल था।
मुखबिर की सूचना पर STF ने बिछाया जाल
STF की वाराणसी इकाई को गुप्त सूचना मिली थी कि विनय बड़ागांव थाना क्षेत्र के फत्तेपुर तिराहे पर छिपा हुआ है। इसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए STF ने जाल बिछाया और उसे दबोच लिया। गिरफ्तारी के दौरान उसके पास से एक तमंचा और दो जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए।
संजीव त्रिपाठी हत्याकांड का खुलासा
STF के मुताबिक, विनय ने 2022 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सकरी थाना क्षेत्र में अपने साथियों—एजाज उर्फ सोनू, दानिश अंसारी, पप्पू दाढ़ी और प्रसून गुप्ता—के साथ मिलकर संजीव त्रिपाठी की निर्मम हत्या को अंजाम दिया था। हत्या के बाद से वह फरार था और लगातार ठिकाने बदलकर STF की आंखों में धूल झोंक रहा था।
BHU छात्र हत्याकांड में भी विनय की काली करतूत
पूछताछ में विनय ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि वह 2019 में BHU छात्र गौरव सिंह की हत्या में भी शामिल था। आपसी रंजिश में की गई इस हत्या के बाद वह वाराणसी जेल में बंद रहा। जेल में उसकी मुलाकात एजाज उर्फ सोनू के भाई से हुई, जिसके बाद वह जेल से रिहा होने पर फिर से अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया।
कानून के लंबे हाथों ने अपराधी को दबोचा
STF की इस कार्रवाई ने न केवल एक शातिर अपराधी को सलाखों के पीछे पहुंचाया, बल्कि यह भी साबित किया कि कानून की नजर से कोई अपराधी बच नहीं सकता। यह गिरफ्तारी अपराधियों के लिए सख्त संदेश है कि चाहे जितना समय बीत जाए, न्याय की तलवार हर हाल में अपराधी तक पहुंचेगी।
STF की इस बड़ी सफलता की चारों ओर सराहना हो रही है, और लोग इसे कानून-व्यवस्था की मजबूती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं।