भुवनेश्वर, 4 जुलाई 2025: ओडिशा विजिलेंस विभाग ने टिटिलागढ़ आरएंडबी उपमंडल में कार्यरत सहायक कार्यकारी अभियंता (AEE) दिलेश्वर माझी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में बड़े पैमाने पर छापेमारी की। गुरुवार को शुरू हुई इस कार्रवाई में संबलपुर, झारसुगुड़ा और बलांगीर जिलों में माझी से जुड़े छह ठिकानों पर तलाशी ली गई। इस दौरान विजिलेंस ने भारी मात्रा में नकदी, सोना, हाई-वैल्यू प्लॉट्स और अन्य संपत्तियों का खुलासा किया है।
छापेमारी में क्या मिला?
विजिलेंस विभाग के अनुसार, छापेमारी में निम्नलिखित संपत्तियां जब्त की गईं:
- नकदी: ₹6,57,500 (जिसमें पुराने ₹2000 के नोट भी शामिल हैं)।
- सोना: करीब 500 ग्राम सोने के आभूषण।
- प्लॉट्स और भवन: 9 हाई-वैल्यू प्लॉट्स, जिनकी अनुमानित बाजार कीमत ₹30 करोड़ है, साथ ही चार भवन और एक मार्केट कॉम्प्लेक्स।
- बैंक जमा और निवेश: ₹20 लाख से अधिक की बैंक जमा राशि और अन्य निवेश।
- वाहन: एक कार और दो दोपहिया वाहन।
विजिलेंस अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई विशेष न्यायाधीश, विजिलेंस, बलांगीर द्वारा जारी सर्च वारंट के आधार पर की गई। छापेमारी में पांच उप-अधीक्षक, आठ इंस्पेक्टर और अन्य सहायक कर्मचारियों की टीम शामिल थी। जांच के दौरान माझी की पत्नी द्वारा संबलपुर में संचालित एक ब्यूटी पार्लर सहित एक डबल-स्टोरी आवासीय भवन भी जांच के दायरे में आया।
आरोप और जांच
माझी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। विजिलेंस ने शिकायतों के आधार पर जांच शुरू की थी, जिसमें संदेह जताया गया था कि माझी ने अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से कहीं अधिक संपत्ति जमा की है। विभाग ने बताया कि छापेमारी अभी जारी है और संपत्तियों का मूल्यांकन तकनीकी टीम द्वारा किया जा रहा है। माझी के बैंक खातों, निवेशों और अन्य संपत्तियों की गहन जांच की जा रही है, जिसके बाद उनकी कुल संपत्ति का मूल्य और बढ़ सकता है।
विजिलेंस की कार्रवाई
ओडिशा विजिलेंस ने 2024 में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। विभाग की वेबसाइट के अनुसार, इस साल 483 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गई और 171 भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई। माझी का मामला ओडिशा में हाल के महीनों में सामने आए कई हाई-प्रोफाइल भ्रष्टाचार मामलों में से एक है, जिसमें पहले भी कई वरिष्ठ अधिकारियों और इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है।
आगे की कार्रवाई
विजिलेंस अधिकारियों ने बताया कि माझी के खिलाफ जांच पूरी होने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। संपत्तियों के दस्तावेजों और निवेशों की सत्यापन प्रक्रिया जारी है। यह मामला एक बार फिर सरकारी अधिकारियों में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करता है और पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग को और मजबूत करता है।