लखनऊ, 03 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में सहायक आचार्य पद पर भर्ती प्रक्रिया में ऐतिहासिक बदलाव को हरी झंडी मिल गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को लोकभवन, लखनऊ में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा (समूह ‘क’) सेवा (तृतीय संशोधन) नियमावली-2025′ को मंजूरी दी गई। इसके तहत अब सहायक आचार्य के चयन में केवल साक्षात्कार के बजाय लिखित परीक्षा (सब्जेक्टिव टाइप) और साक्षात्कार के संयुक्त अंकों के आधार पर नियुक्तियां होंगी।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि वर्तमान में सहायक आचार्य की भर्ती उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा नियमावली, 1985 के नियम 15(3) के तहत केवल साक्षात्कार के आधार पर होती थी। इस प्रक्रिया में पक्षपात की आशंकाओं और गुणवत्ता से समझौते की शिकायतें सामने आती थीं। नई व्यवस्था में लिखित परीक्षा के जरिए अभ्यर्थियों के विषय ज्ञान, शिक्षण कौशल और शोध क्षमता का समग्र मूल्यांकन होगा। यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 309 के तहत लागू किया गया है और तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
मंत्री ने कहा, “योगी सरकार शिक्षा में पारदर्शिता और गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों को हासिल करने में मील का पत्थर साबित होगा।” इस कदम से राजकीय महाविद्यालयों में उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षकों का चयन सुनिश्चित होगा, जिससे शिक्षा का स्तर और ऊंचा होगा।
यह बदलाव न केवल चयन प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाएगा, बल्कि योग्य अभ्यर्थियों को अवसर प्रदान कर प्रदेश की उच्च शिक्षा को नई दिशा देगा।