अमेठी, 01 जुलाई 2025: समाजवादी पार्टी से निष्कासन के बाद पहली बार अपने गृह क्षेत्र अमेठी पहुंचे गौरीगंज के विधायक राकेश प्रताप सिंह का जनता ने फूलों की वर्षा और नारेबाजी के साथ भव्य स्वागत किया। भाले सुल्तान पार्क में आयोजित एक विशाल जनसभा में उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला और सनातन धर्म के अपमान को लेकर अपनी बेबाक राय रखी।
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के चलते पार्टी से निष्कासित राकेश प्रताप ने मंच से गरजते हुए कहा, “अगर मैं रामचरितमानस जलाने वालों की तारीफ करता, सनातन धर्म का अपमान चुपचाप सह लेता, तो शायद आज भी सपा में होता। लेकिन मेरे लिए न विधायकी की कुर्सी प्यारी है, न सत्ता का लालच। अगर धर्म और संस्कृति पर आंच आए, तो मेरी आवाज सबसे पहले उठेगी।”
“हिंदू धर्म का अपमान सहन नहीं”
राकेश प्रताप ने साफ शब्दों में कहा कि वह विधायक रहें या न रहें, राजनीति करें या छोड़ दें, हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति का अपमान वे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने सपा पर “यादव कार्ड” खेलने और अन्य समुदायों को नजरअंदाज करने का भी गंभीर आरोप लगाया। विधायक ने जोर देकर कहा कि उनकी लड़ाई विचारधारा की है और वह धर्म, संस्कृति और क्षेत्रीय सम्मान की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे।
जनता का जोरदार समर्थन, फूलों की वर्षा
कार्यक्रम में हजारों की संख्या में मौजूद समर्थकों और स्थानीय लोगों ने राकेश प्रताप का जोरदार स्वागत किया। जगह-जगह फूलों की मालाएं और नारों से उनका अभिनंदन हुआ। विधायक ने कहा, “गौरीगंज की जनता ने मुझे तीन बार विधायक बनाया। आज भी मेरा भरोसा उसी जनता पर है। मैं उनकी सेवा और उनके सम्मान के लिए हमेशा खड़ा रहूंगा।”
विचारधारा की राजनीति का संकल्प
राकेश प्रताप ने अपने भविष्य के प्लान पर भी प्रकाश डाला और कहा कि वह अब “विचारधारा की राजनीति” करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता अमेठी की जनता, सनातन संस्कृति और क्षेत्रीय गौरव की रक्षा करना है। उनके इस बयान ने सियासी गलियारों में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। इस सभा ने न केवल राकेश प्रताप की लोकप्रियता को दर्शाया, बल्कि यह भी संकेत दिया कि आने वाले दिनों में उनकी सक्रियता अमेठी की राजनीति में नया रंग भर सकती है।