वाराणसी, 30 जून 2025: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के फारेंसिक मेडिसिन विभाग में पोस्टमार्टम हाउस को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। करीब ढाई करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है, और कुछ कार्यों पर अमल भी शुरू हो गया है। इस बदलाव से न केवल शवों के रखरखाव की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि पोस्टमार्टम प्रक्रिया भी और सुगम होगी।
विभाग ने मौजूदा 12 शवों की क्षमता वाले चेंबरों को हटाकर पूरे कमरे को फ्रीजर में तब्दील करने का फैसला किया है। इस नए कोल्ड स्टोरेज रूम में एक साथ 30 से अधिक शवों को सुरक्षित रखा जा सकेगा। इसके साथ ही आधुनिक शव विच्छेदन टेबल और वैक्यूम सक्शन यूनिट की व्यवस्था भी की जाएगी। स्वजनों के लिए शीतल पेयजल और प्रतीक्षालय जैसी सुविधाओं पर भी काम शुरू हो चुका है।
सड़क हादसों का कहर: 500 मौतें सिर की चोट से, 30% नाबालिग
बीएचयू के पोस्टमार्टम हाउस में प्रतिदिन 8 से 10 शवों का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। अक्टूबर 2024 से शुरू हुई नई व्यवस्था के तहत अब तक 1000 शवों का अंत्य परीक्षण हो चुका है। चौंकाने वाले आंकड़े बताते हैं कि 500 से अधिक मौतें सिर पर गंभीर चोट के कारण हुईं, जिनमें 30% मृतक 18 वर्ष से कम उम्र के थे। 30% लोग शराब के नशे में वाहन चलाते समय हादसे का शिकार हुए। 45% मामलों में रेस लगाने की होड़ में हेलमेट न पहनने की वजह से जान गंवाई गई। इसके अलावा 3% मामले आत्महत्या और 10 से अधिक हत्या से जुड़े थे।
सुविधाओं का विस्तार, बढ़ेगी कार्यक्षमता
फारेंसिक मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष प्रो. मनोज पाठक ने बताया कि नई सुविधाओं से पोस्टमार्टम की संख्या में इजाफा होगा। अधिकांश कार्यों पर सहमति बन चुकी है, और जल्द ही यह अत्याधुनिक पोस्टमार्टम हाउस क्षेत्र में अपनी तरह का अनूठा केंद्र बन जाएगा।
बीएचयू का यह कदम न केवल चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाएगा, बल्कि स्वजनों को भी राहत प्रदान करेगा। यह बदलाव शहर के स्वास्थ्य ढांचे में एक नया अध्याय जोड़ेगा।