N/A
Total Visitor
31 C
Delhi
Monday, June 30, 2025

लखनऊ: उपराष्ट्रपति के संविधान प्रस्तावना बयान पर अखिलेश यादव का तीखा पलटवार

लखनऊ, 30 जून 2025: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को लेकर दिए गए बयान पर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने कहा कि कुछ लोग आरक्षण और सामाजिक न्याय के खिलाफ हैं, लेकिन वोट खोने के डर से खुलकर इसका विरोध नहीं कर पाते।

अखिलेश ने उपराष्ट्रपति के बयान पर निशाना साधते हुए कहा, “आरक्षण के खिलाफ कुछ लोग वोट खोने के डर से खुलकर नहीं बोल पा रहे हैं। वे सामाजिक न्याय की स्थापना के विरोधी हैं। चूंकि वे सीधे बोल नहीं पा रहे, इसलिए वे धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के खिलाफ बोल रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी स्थापना के समय समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के रास्ते पर चलने का वादा किया था, लेकिन अब ये लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा था कि संविधान की प्रस्तावना में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता, लेकिन 1975 के आपातकाल के दौरान इसमें ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द जोड़े गए, जो संविधान निर्माताओं की सोच के साथ विश्वासघात था। उन्होंने इसे भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दौर बताया और कहा कि प्रस्तावना को छूना ‘पाप’ था।

अखिलेश ने भाजपा पर संविधान और आरक्षण के खिलाफ सायास रुख अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग चुनाव में हार के डर से संविधान और आरक्षण के खिलाफ घुमा-फिराकर बात करते हैं। सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि संविधान की प्रस्तावना में शामिल शब्द सामाजिक न्याय और समानता की नींव हैं, जिन्हें कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।

इसके साथ ही, अखिलेश ने उत्तर प्रदेश में स्कूल मर्जर के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने दावा किया कि भाजपा उन स्कूलों को बंद कर रही है, जहां बने मतदान केंद्रों पर वह चुनाव हारती है। उन्होंने इसे न केवल शिक्षा के खिलाफ, बल्कि वोटिंग के अधिकार को प्रभावित करने की साजिश करार दिया।

उपराष्ट्रपति के बयान ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है। विपक्षी दलों ने इसे संविधान की मूल भावना पर हमला बताया है, जबकि सत्तारूढ़ दल के कुछ नेताओं ने धनखड़ के बयान का समर्थन किया है। इस बीच, अखिलेश यादव ने सपा की ओर से संविधान और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि सपा 26 जुलाई को ‘संविधान-मानस्तंभ स्थापना दिवस’ मनाएगी, ताकि संविधान के प्रति जनजागरूकता बढ़ाई जा सके।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »