कोलकाता, 29 जून 2025: पश्चिम बंगाल के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में तूफान खड़ा कर दिया है। पार्टी के दो दिग्गज नेताओं—सांसद कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा—के बीच बयानबाजी ने विवाद को नया मोड़ दे दिया है। जहां कल्याण के गैंगरेप पर दिए बयान ने टीएमसी को असहज स्थिति में ला दिया, वहीं महुआ की आलोचना और कल्याण का तीखा पलटवार अब सुर्खियां बटोर रहा है।
कल्याण बनर्जी का विवादित बयान
साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में हुए गैंगरेप पर कल्याण बनर्जी के बयान ने विवाद की शुरुआत की। उन्होंने कहा, “अगर कोई दोस्त अपने दोस्त के साथ रेप करता है, तो क्या किया जा सकता है? क्या अब स्कूलों में पुलिस तैनात होगी?” इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया हुई, जिसके बाद टीएमसी ने इसे कल्याण का निजी बयान बताकर पल्ला झाड़ लिया। पार्टी ने साफ किया कि वह महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है और दोषियों को कड़ी सजा की मांग करती है।
महुआ मोइत्रा की आलोचना, कल्याण का पलटवार
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने बिना नाम लिए कल्याण के बयान की निंदा की। उन्होंने एक्स पर लिखा, “हर पार्टी में महिलाओं के प्रति नफरत रखने वाले लोग हैं, लेकिन टीएमसी इन बयानों की निंदा करती है।” जवाब में कल्याण ने महुआ पर व्यक्तिगत हमला बोला। उन्होंने कहा, “महुआ हनीमून मनाकर भारत लौटीं और मुझसे झगड़ने लगीं। उन्होंने 40 साल की शादी तोड़ी और 65 साल के व्यक्ति से शादी की। क्या वह महिला विरोधी नहीं हैं?” कल्याण यहीं नहीं रुके, उन्होंने महुआ पर पार्टी में देर से शामिल होने और सिर्फ “पैसा और भविष्य” बनाने का आरोप लगाया।
पार्टी में तनातनी, कल्याण का पार्टी पर सवाल
कल्याण ने टीएमसी के आधिकारिक बयान पर भी असहमति जताई, जिसमें उनके बयान की निंदा की गई थी। उन्होंने पूछा, “क्या पार्टी अप्रत्यक्ष रूप से अपराधियों को बचा रही है?” दूसरी ओर, महुआ ने कल्याण के प्रचार पर सवाल उठाए जाने का जिक्र किया, जिसे कल्याण ने खारिज करते हुए कहा कि सीएम ममता बनर्जी ने उन्हें प्रचार की अनुमति दी थी।
विवाद की जड़
यह पूरा विवाद साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में हुए गैंगरेप मामले से शुरू हुआ, जिसने पूरे राज्य में आक्रोश पैदा किया है। कल्याण के बयान ने जहां टीएमसी को कठघरे में खड़ा किया, वहीं महुआ और कल्याण की सार्वजनिक तकरार ने पार्टी की एकता पर सवाल उठा दिए हैं।