वाराणसी, 27 जून 2025: वाराणसी के मंडुवाडीह थाने में शुक्रवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई। एंटीकरप्शन टीम ने रिश्वत लेते हुए दरोगा अभय नाथ तिवारी और दीवान शक्ति सिंह यादव को रंगे हाथ धर दबोचा। दोनों ने एक केस में आरोपी को बचाने और सरकारी गवाह बनाने के लिए 15 हजार रुपये की रिश्वत ली थी। इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
लहरतारा बौलिया निवासी आकाश गुप्ता ने एंटीकरप्शन कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। आकाश ने बताया कि उनके सैलून के पास शराब की दुकान के संचालक से विवाद के बाद पुलिस ने उनके भाई को नामजद कर लिया। विवेचक अभय नाथ तिवारी ने भाई को बचाने के लिए 15 हजार रुपये की मांग की और धमकी दी कि पैसे नहीं देने पर लूट की धाराओं में जेल भेज देंगे। आकाश ने यह भी आरोप लगाया कि थाना प्रभारी ने 35 हजार रुपये की मांग की थी और 30 हजार रुपये लेकर उनके भाई को धारा 170 बीएनएस के तहत जेल भेज दिया, ताकि जमानत आसानी से हो जाए।
शिकायत मिलते ही एंटीकरप्शन टीम ने जाल बिछाया। पीड़ित के 15 हजार रुपये के नोटों पर रासायनिक रंग लगाकर दरोगा को देने के लिए भेजा गया। अभय नाथ ने फोन पर बात करने के बाद दीवान शक्ति सिंह के साथ रिश्वत की रकम ली। तभी छिपी हुई टीम ने दोनों को दबोच लिया। हाथ धुलवाने पर रंग छूटने से रिश्वतखोरी की पुष्टि हुई।
आरोपियों को कैंट थाने ले जाया गया, जहां उनके खिलाफ केस दर्ज कर हवालात में बंद किया गया। बाद में दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। इस कार्रवाई का वीडियो भी बनाया गया, जो अब चर्चा का विषय बना हुआ है। पीड़ित ने थानेदार पर लगे 35 हजार रुपये रिश्वत के आरोप की जांच की मांग की है।
यह कार्रवाई पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार है। एंटीकरप्शन टीम की इस त्वरित कार्रवाई से जनता में विश्वास बढ़ा है, लेकिन थानेदार पर लगे आरोपों की जांच का इंतजार अब सभी को है।