नई दिल्ली, 27 जून 2025: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर आपातकाल और संविधान को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई है। इस बीच, वरिष्ठ पत्रकार अनिता चौधरी ने कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष अजय राय से खास बातचीत की, जिसमें राय ने बीजेपी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला।
संविधान पर आरएसएस की मंशा पर सवाल
अनिता चौधरी ने अजय राय से पूछा कि आरएसएस नेता दत्तात्रेय होसबोले संविधान संशोधन की बात कर रहे हैं, वहीं बीजेपी आपातकाल के दर्द को 50 साल बाद भी उठा रही है। जवाब में राय ने तल्ख तेवर अपनाते हुए कहा, “जिस आरएसएस ने अपने मुख्यालय पर तिरंगा तक नहीं फहराया, वे आज तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं। जिन्होंने अंग्रेजों की दलाली की, वे अब देशभक्ति का ढोंग रच रहे हैं।” राय ने आरएसएस को संविधान का सबसे बड़ा विरोधी करार देते हुए कहा कि बीजेपी की मंशा संविधान बदलने की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में जनता ने उन्हें पूर्ण बहुमत नहीं दिया। उन्होंने इसका श्रेय राहुल गांधी को देते हुए कहा कि राहुल ने देशभर में संविधान की अलख जगाई।
‘समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों पर विवाद
जब वरिष्ठ पत्रकार अनिता चौधरी ने होसबोले के बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा कि ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द आपातकाल के दौरान संविधान में जोड़े गए और ये बीआर आंबेडकर के संविधान का हिस्सा नहीं थे, तो राय ने इसे उनकी संकीर्ण सोच बताया। उन्होंने कहा, “भारत का संविधान सभी धर्मों, जातियों और वर्गों को साथ लेकर चलता है। बीजेपी और आरएसएस देश को बांटना चाहते हैं। समाजवादी का मतलब है, हर वर्ग को समान सम्मान। लेकिन बीजेपी अंबानी और अडानी के इशारों पर देश चलाना चाहती है।”
आपातकाल की मानसिकता का आरोप
बीजेपी के आरोपों पर कि कांग्रेस आपातकाल की मानसिकता से बाहर नहीं निकल रही, राय ने पलटवार करते हुए कहा, “बीजेपी ने आपातकाल के समर्थक नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर रखा है। पूरी बीजेपी कांग्रेस के नेताओं से भरी पड़ी है। होसबोले जी बताएं कि इन नेताओं से आपातकाल पर क्या राय लेते हैं?”
वाराणसी में पत्रकारों पर कार्रवाई की निंदा
वाराणसी में पांच पत्रकारों पर कार्रवाई के सवाल पर राय ने इसे “घृणित और निंदनीय” बताया। उन्होंने कहा, “पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में सच्ची खबर दिखाने की सजा दी जा रही है। कांग्रेस इन पत्रकारों के साथ खड़ी है और उनकी हरसंभव मदद करेगी।”
कांग्रेस कार्यकारिणी पर सवाल
यूपी में कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में 60% पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं और 20% महिलाओं को जगह देने पर सवाल उठने पर राय ने कहा, “मैं स्वयं अगड़ी जाति से हूं और यूपी कांग्रेस का नेतृत्व कर रहा हूं। हमारी कार्यकारिणी में सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व है। बीजेपी की तरह हमारा दोहरा चरित्र नहीं है।”
मोदी पर तंज, 2027 पर सस्पेंस
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए राय ने कहा, “मोदी ने वाराणसी में एक भी यूनिवर्सिटी या कारखाना नहीं लगाया। सारे कारखाने गुजरात ले गए, वाराणसी के लोग सिर्फ मजदूरी करेंगे? अगले लोकसभा चुनाव में वाराणसी की जनता उन्हें जवाब देगी।” 2027 के यूपी चुनाव में राहुल-अखिलेश की जोड़ी के सवाल पर राय ने कहा, “अभी हमारा फोकस पंचायत चुनाव पर है। 2027 की बात बाद में करेंगे।”
कांग्रेस और बीजेपी के बीच संविधान और आपातकाल को लेकर छिड़ी यह जंग उत्तर प्रदेश की सियासत को और गर्मा सकती है। अजय राय ने अपने तीखे बयानों से बीजेपी और आरएसएस को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह सियासी नोकझोंक 2027 के चुनावी समीकरणों को प्रभावित करेगी?