ग्रेटर नोएडा, 27 जून 2025: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां बिजली विभाग की लापरवाही ने एक मासूम बच्चे की जिंदगी तबाह कर दी। थाना दनकौर क्षेत्र के अच्छेजा बुजुर्ग गांव में 11 हजार वोल्ट की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से 7 साल के तैमूर के दोनों हाथ काटने पड़े। यह दर्दनाक घटना 22 मई को हुई, जिसने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया।
छत पर खेल रहा मासूम बना हादसे का शिकार
तैमूर, जो अपने घर की छत पर मासूमियत भरे खेल में मस्त था, अचानक 11 हजार वोल्ट की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया। करंट इतना तेज था कि बच्चा बुरी तरह झुलस गया। आनन-फानन में परिजनों ने उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पहुंचाया, जहां करीब एक महीने के इलाज के दौरान गंभीर इंफेक्शन के कारण डॉक्टरों को तैमूर के दोनों हाथ कोहनी से नीचे काटने पड़े। इस हादसे ने न केवल तैमूर का बचपन छीन लिया, बल्कि उसके परिवार को गहरे सदमे में डुबो दिया।
पिता की गुहार को अनसुना किया बिजली विभाग ने
तैमूर के पिता, एडवोकेट नौशाद, ने बिजली विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि कई बार उन्होंने विभाग के अधिकारियों से छत के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन को हटाने की गुहार लगाई थी, लेकिन उनकी शिकायतों को अनसुना कर दिया गया। नौशाद का कहना है, “अगर विभाग ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो मेरा बेटा इस दर्दनाक हादसे का शिकार न होता। मेरे मासूम को अपनी जिंदगी की इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी।”
परिजनों का गुस्सा, पुलिस में शिकायत की तैयारी
परिजनों ने इस हादसे के लिए बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। नौशाद ने बताया कि वे इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने की तैयारी कर रहे हैं। गांववासियों में भी इस घटना को लेकर गुस्सा है और वे बिजली विभाग की लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाने की बात कह रहे हैं।
बिजली विभाग की चुप्पी, सवालों के घेरे में
इस मामले में बिजली विभाग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। विभाग की चुप्पी और पहले की गई शिकायतों पर कार्रवाई न करना कई सवाल खड़े करता है। यह पहली बार नहीं है जब बिजली विभाग की लापरवाही के कारण कोई हादसा हुआ हो, लेकिन इस बार एक मासूम की जिंदगी दांव पर लग गई।
मासूम की जिंदगी पर मंडराया संकट
सात साल का तैमूर अब अपनी जिंदगी की नई चुनौतियों का सामना कर रहा है। परिवार का कहना है कि बच्चे का इलाज अभी भी जारी है, और उसकी मनोदशा को संभालना सबसे बड़ी चुनौती है। इस घटना ने न केवल तैमूर के भविष्य को प्रभावित किया है, बल्कि बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं।
क्या होगी कार्रवाई?
यह घटना एक बार फिर बिजली विभाग की लचर व्यवस्था और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर करती है। अब देखना यह है कि प्रशासन और बिजली विभाग इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और तैमूर के परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं। फिलहाल, गांववासी और परिजन इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।