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Thursday, June 26, 2025

महामना की मूर्ति पर चढ़े युवक, BHU में गुस्से की लहर!

वायरल वीडियो ने उकसाया छात्रों का आक्रोश, पुलिस ने शुरू की जांच

वाराणसी, 26 जून 2025: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के परिसर में उस समय हड़कंप मच गया, जब बुधवार रात एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो में दो युवक भारत रत्न पं. मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर चढ़े नजर आए, जो BHU के सिंहद्वार के सामने स्थापित है। यह प्रतिमा विश्वविद्यालय समुदाय के लिए सम्मान और गर्व का प्रतीक है। वीडियो के सामने आते ही छात्रों और पूर्व छात्रों में आक्रोश की लहर दौड़ गई।

वायरल वीडियो ने बयां की शर्मनाक हरकत

9 सेकंड के इस वीडियो में एक युवक महामना की मूर्ति के कंधे पर चढ़ा दिखाई देता है, जबकि दूसरा पास खड़ा है। बैकग्राउंड में एक आवाज सुनाई देती है, जो कहती है, “कहां चढ़े हो, ये सरकारी संपत्ति है, ऐसा मत करो।” इसके बाद युवक मूर्ति से उतरता नजर आता है। इस दृश्य ने न केवल विश्वविद्यालय के छात्रों, बल्कि आम लोगों को भी गहरे सदमे में डाल दिया।

छात्रों का गुस्सा: “यह अपमान असहनीय”

वीडियो के वायरल होने के बाद BHU परिसर में तनाव का माहौल है। छात्रों ने इस घटना को महामना के प्रति अपमान और भारतीय संस्कृति पर हमला करार दिया। छात्र नेता विशाल सिंह ने गुस्से में कहा, “महामना केवल BHU के संस्थापक नहीं, बल्कि देश के लिए एक प्रेरणा हैं। उनकी प्रतिमा का अपमान हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

सोशल मीडिया पर भी गुस्सा भड़क उठा। एक यूजर ने लिखा, “क्या अब सम्मान पाने के लिए अंबेडकर होना पड़ेगा?” यह टिप्पणी इस घटना को प्रतीकात्मक अपमान के रूप में देखे जाने की भावना को दर्शाती है।

BHU प्रशासन और पुलिस सतर्क

घटना के बाद BHU प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। चीफ प्रॉक्टर ऑफिस ने बयान जारी कर कहा, “वीडियो की गहन जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।” प्रशासन ने छात्रों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील भी की है।

वहीं, लंका थाने की पुलिस ने भी मामले को गंभीरता से लिया है। थानाध्यक्ष शिवाकांत मिश्रा ने बताया, “दोनों युवकों की पहचान के लिए एक विशेष जांच टीम गठित की गई है। जल्द ही उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी।”

क्या कहते हैं जानकार?

शिक्षाविदों और स्थानीय लोगों का मानना है कि यह घटना न केवल अनुशासनहीनता का मामला है, बल्कि यह उस मानसिकता को भी दर्शाती है, जो ऐतिहासिक प्रतीकों के प्रति सम्मान की कमी को उजागर करती है। प्रो. रामचंद्र पांडेय, BHU के इतिहास विभाग से, कहते हैं, “महामना की मूर्ति केवल पत्थर की संरचना नहीं, बल्कि शिक्षा और संस्कृति का प्रतीक है। इस तरह की हरकतें समाज में गलत संदेश देती हैं।”

आगे क्या?

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, छात्र संगठन दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह घटना BHU के इतिहास में एक और विवादास्पद अध्याय जोड़ रही है। क्या यह मामला जल्द सुलझेगा, या परिसर में तनाव और बढ़ेगा? यह सवाल हर किसी के मन में है।

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