वाराणसी, 25 जून 2025: पवित्र नगरी काशी में मानसून की दस्तक के बावजूद झमाझम बारिश के लिए काशीवासियों को अभी और सब्र करना होगा। तेज धूप और उमस की दोहरी मार ने जनजीवन को बेहाल कर दिया है, जबकि गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार को अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, और पिछले 24 दिनों में सामान्य से 13% कम बारिश ने लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है।
तपिश का सितम, बारिश की आस
जून में अब तक 47.8 मिमी बारिश की उम्मीद थी, लेकिन केवल 41.4 मिमी वर्षा ही दर्ज हुई। सुबह से चटक धूप और उमस भरी गर्मी ने लोगों को छांव और छतरी का सहारा लेने को मजबूर कर दिया। सड़कों पर सन्नाटा और चेहरों पर बेचैनी साफ नजर आ रही है।
टर्फ लाइन ने डाला खलल
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पाकिस्तान से शुरू हुई टर्फ लाइन ने प्रदेश के मध्य हिस्से में कुछ हलचल दिखाई थी, जिससे मानसून के तेज होने की उम्मीद थी। लेकिन टर्फ लाइन के खिसकने से बारिश की रफ्तार थम गई। अब मौसम की अगली चाल पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
गंगा की उफनती लहरें
बारिश की कमी के बावजूद गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सेंट्रल वॉटर कमीशन के अनुसार, हर घंटे करीब 20 मिलीमीटर की रफ्तार से जलस्तर में इजाफा हो रहा है। बुधवार सुबह तक गंगा का जलस्तर 59.30 मीटर को पार कर चुका था, जिससे घाटों पर हलचल बढ़ गई है।
पांच दिन येलो अलर्ट पर काशी
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अगले पांच दिनों के लिए वाराणसी में येलो अलर्ट जारी किया है। बिखरी-बिखरी बारिश के साथ मौसम के अचानक पलटने की संभावना बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन ने निचले इलाकों में सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
राहत की बूंदों का इंतजार
फिलहाल काशीवासी मौसम की इस आंखमिचौली के बीच राहत की बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। गंगा की उफनती लहरें और आसमान की बेरुखी के बीच शहरवासी उम्मीद की एक किरण तलाश रहे हैं। क्या जल्द ही बादल बरसेंगे, या तपिश का सितम और सताएगा? यह सवाल हर काशीवासी के मन में है।