यूपी में गांव में रहने वाले हर व्यक्ति को इंटरनेट से जोड़ने की तैयारी है। गांवों में पंचायत भवनों को डिजिटल किया जा रहा है। इससे गांव के लोग एक क्लिक पर अपने गांव में हुए विकास की जानकारी हासिल कर सकेंगे। कोरोना काल में नेशनल ब्रांड बैंड योजना गांव में रहने वाले छात्रों की पढ़ाई की राह का आसान करेगी। प्रदेश में 2498 पंचायत भवन है जबकि 206 बहुउददेशीय पंचायत भवन है। इन सभी पंचायत भवनों को डिजिटल करने का काम शुरू हो गया है। पंचायत भवन के डिजिटल होने के बाद गांव के लोगों तक सरकारी योजनाओं की जानकारी आसानी से पहुंचाई जा सकेगी। गांव में कितनी सड़कों को निर्माण हुआ, कितने हैंडपंप लगे, शौचालयों की स्थिति क्या है। सरकार किसानों के लिए कौन सी योजना ला रही है। इसकी जानकारी ग्रामीणों को अब कम्प्यूटर के एक क्लिक पर मिल जाएगी।
डिजिटल गांव में मिलेंगी यह सुविधाएं
डिजिटल गांव यानी ऐसा गांव जहां ग्रामीणों को सभी आधुनिक सुविधाएं मिल सकेंगी। मसलन गांव में एटीएम, इंटरनेट की सुविधा, गांव के दुकानों पर डेबिट कार्ड और डिजिटल वॉलेट से भुगतान करने की सुविधा, डिजिटल गांव स्कीम के तहत सरकार ऐसे गांवों में मिनी बैंक, मिनी एटीएम, होटल बुकिंग और मोबाइल व डीटीएच रिचार्ज जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र भी डिजिटल ही बनाए जाएंगे। साथ ही केन्द्र सरकार की डिजिटल विलेज स्कीम के तहत गांव के किसानों को मौसम की जानकारी भी तत्काल देगी। पंचायत भवनों के माध्यम से सरकार किसानों को इंटरनेट और वीडियो के माध्यम से खेती की विधि बताने का काम करेगी। बाकायदा किसानों की ई पाठशाला का आयोजन किया जाएगा।
ऑनलाइन पढ़ाई से छात्रों को मिलेगी राहत
योगी सरकार नेशनल ब्राडबैंड मिशन योजना के तहत ग्रामीण परिवेश में रहने वाले छात्रों को बड़ी राहत देने की तैयारी में हैं । प्रदेश सरकार 45 हजार ग्राम सभाओं को हाईस्पीड इंटरनेट से जोड़ने जा रही है। साथ ही वह उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से शुरू की गई डिजिटल लाइब्रेरी का लाभ उठा सकेंगे और पढ़ाई के लिए कंटेंट को आसानी से डाउनलोड कर सकेंगे।