अहमदाबाद, 25 जून 2025: 12 जून को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डे पर हुए दिल दहलाने वाले एयर इंडिया फ्लाइट क्रैश ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हादसे में 260 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन एक शव की पहचान अब भी रहस्य बनी हुई है। गुजरात स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 253 शवों की पहचान डीएनए टेस्ट और 6 की चेहरे के आधार पर हो चुकी है। आखिर वो एक शव किसका है, जिसका कोई सुराग नहीं?
हादसे ने बिखेरी तबाही
लंदन जा रहा एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर विमान उड़ान भरते ही मेहानगर में क्रैश हो गया। 242 यात्रियों में से सिर्फ एक, 40 वर्षीय ब्रिटिश-भारतीय विश्वास कुमार रमेश, चमत्कारिक रूप से जिंदा बचा। हादसे ने नजदीकी मेडिकल कॉलेज के रिहायशी इलाके को भी मलबे में तब्दील कर दिया, जहां 19 गैर-यात्री मारे गए। क्रैश साइट पर अब भी साफ-सफाई चल रही है।
DNA सैंपल ने उलझाया गुत्थी
अहमदाबाद सिविल अस्पताल के डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि एक डीएनए सैंपल, जो संभवतः किसी यात्री का है, किसी भी रिश्तेदार के सैंपल से मिलान नहीं कर रहा। सैंपल की खराब हालत के कारण दोबारा टेस्ट की जरूरत पड़ रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी धनंजय द्विवेदी ने कहा, “250 से ज्यादा रिश्तेदारों ने सैंपल दिए। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा डीएनए मिलान अभियान है।”
नया सॉफ्टवेयर बना संकटमोचक
नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (NFSU) के डॉ. विशाल मेवाड़ा ने एक अनोखा सॉफ्टवेयर तैयार किया, जिसने डीएनए मिलान की रफ्तार को कई गुना बढ़ा दिया। पहले एक मिलान में 7 मिनट लगते थे, अब 500 सैंपल 5 मिनट में मिलान हो रहे हैं। इस तकनीक ने महीनों का काम दो हफ्तों में पूरा कर दिखाया। NFSU के डॉ. भार्गव पटेल ने इसे “फोरेंसिक साइंस में मील का पत्थर” करार दिया।
अब भी बाकी है एक जवाब
जैसे-जैसे क्रैश साइट से मलबा हट रहा है, प्रशासन को उम्मीद है कि कोई और शव नहीं मिलेगा। लेकिन एक सवाल अब भी अनुत्तरित है- वो अज्ञात शव किसका है? क्या यह हादसे का आखिरी रहस्य है, या कोई और राज सामने आएगा? जांच जारी है, और देश की नजरें इस गुत्थी के सुलझने पर टिकी हैं।