इटावा (उत्तर प्रदेश) 24 जून 2025: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में सामाजिक सौहार्द को शर्मसार करने वाली एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। बकेवर थाना क्षेत्र के ग्राम दादरपुर में 21 जून को आयोजित एक भागवत कथा के दौरान कथावाचकों के साथ मारपीट, अभद्र व्यवहार और जबरन उनकी चोटी काटने का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। इस अमानवीय कृत्य का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
जातिगत विवाद ने लिया हिंसक रूप
घटना की शुरुआत तब हुई जब कथावाचक मुकुट मणि यादव और आचार्य संत सिंह ग्राम दादरपुर में भागवत कथा सुना रहे थे। आयोजन के दौरान कुछ ग्रामीणों ने कथावाचकों की जाति पर सवाल उठाते हुए आपत्ति जताई। आरोप है कि कथावाचकों ने स्वयं को ब्राह्मण बताया, जबकि वे यादव जाति से हैं। इसी बात को लेकर विवाद बढ़ा और कुछ उपद्रवियों ने कथावाचकों पर हमला बोल दिया। लात-घूसों से पीटने के साथ-साथ उनकी चोटी जबरन काट दी गई। इतना ही नहीं, उनका मोबाइल फोन छीन लिया गया, 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया और उनकी तीन अंगूठियां लूट ली गईं।
वायरल वीडियो ने खोली पोल
इस क्रूरता का वीडियो किसी ने बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जो देखते ही देखते वायरल हो गया। वीडियो में कथावाचकों के साथ अमानवीय व्यवहार और उनकी चोटी काटने का दृश्य देखकर लोगों में आक्रोश फैल गया। स्थानीय धार्मिक संगठनों और ग्रामीणों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
पुलिस ने दिखाई तत्परता
वीडियो वायरल होने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने मामले को गंभीरता से लिया। सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल के जरिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए। अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), क्षेत्राधिकारी भरथना और थाना बकेवर प्रभारी की संयुक्त टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की। पीड़ितों के बयान दर्ज किए गए और उनकी तहरीर पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
पुलिस ने चार आरोपियों—आशीष तिवारी (21), उत्तम अवस्थी (19), प्रथम दुबे उर्फ मनु (24) और निक्की अवस्थी (30)—को गिरफ्तार कर लिया। निक्की पर कथावाचकों की चोटी काटने का मुख्य आरोप है। सभी आरोपियों को जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
पीड़ित ने बयां किया दर्द
पीड़ित कथावाचक मुकुट मणि यादव ने बताया, “हमने कभी अपनी जाति नहीं छिपाई। आयोजकों ने पहले हमारी जाति नहीं पूछी। कथा शुरू होने के बाद जब उन्हें पता चला कि हम यादव हैं, तो उन्होंने हमें ‘शूद्र’ कहकर अपमानित किया और कहा कि हमें ब्राह्मण चाहिए था। इसके बाद हमें लात-घूसों से मारा, पैर छूने को मजबूर किया और हमारी चोटी काट दी। हमें गांव से भगा दिया गया।”
पुलिस का सख्त रुख
एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “यह घटना सामाजिक सौहार्द के लिए बेहद निंदनीय है। हमने तत्काल कार्रवाई शुरू की और चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की गहन जांच चल रही है और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे।”
क्षेत्र में तनाव, मांग रही सख्त कार्रवाई
घटना के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल है। स्थानीय लोग और धार्मिक संगठन इस बर्बरता की कड़ी निंदा कर रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि जातिगत भेदभाव और हिंसा की ऐसी घटनाएं समाज को पीछे ले जाती हैं। इस मामले ने एक बार फिर जातिगत संकीर्णता और सामाजिक एकता की चुनौतियों को उजागर कर दिया है।
पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए गांव में अतिरिक्त बल तैनात किया है और शांति बनाए रखने की अपील की है। मामले की जांच जारी है और आगे की कार्रवाई की प्रतीक्षा की जा रही है।