रांची, 24 जून 2025: राजधानी रांची में नशे के कारोबार की ‘किंगपिन’ रूबी देवी उर्फ भाभीजी ने 10 साल में ब्राउन शुगर की सप्लाई को एक ‘फैमिली बिजनेस’ में तब्दील कर दिया। बिहार के सासाराम के कारगर गांव की रहने वाली रूबी ने अपने मायके और ससुराल के खानदान को मिलाकर इस अवैध धंधे का जाल बिछाया। रांची पुलिस की तीन दिन की रिमांड पूछताछ में भाभीजी ने कई सनसनीखेज खुलासे किए, जिसने पुलिस और शहर को हिलाकर रख दिया।
यूपी से ब्राउन शुगर लाकर रांची में बेचती थी भाभीजी
रूबी देवी ने पुलिस को बताया कि वह उत्तर प्रदेश से ब्राउन शुगर लाती थी और उसमें नशीला पाउडर मिलाकर रांची के बाजार में बेचती थी। इस धंधे में उसका भाई पिंटू साह, छोटी बहन का पति प्रिंस, और देवर सूरज कुमार साह भी पूरी तरह लिप्त थे। रांची पुलिस ने इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। रूबी ने खुलासा किया कि राजधानी के हर थाना क्षेत्र में ब्राउन शुगर का कारोबार करने वाले डीलर उससे ही माल खरीदते थे।
कन्हैया भी था भाभीजी का ‘ग्राहक’
रांची में ब्राउन शुगर का मुख्य सरगना कन्हैया भी भाभीजी से माल लेकर अपने पैडलरों के जरिए बिक्री करवाता था। सालों तक पुलिस की पकड़ से दूर रहने वाला कन्हैया आखिरकार अपने ही गुर्गे की मुखबिरी के चलते जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा। वर्तमान में वह जेल में है।
रांची के कई थानों में दर्ज हैं भाभीजी के खिलाफ केस
भाभीजी के खिलाफ रांची के विभिन्न थानों में कई मामले दर्ज हैं। सुखदेवनगर थाने में 13, कोतवाली में 2, लोअर बाजार में 2, गोंदा, खेलगांव, जगन्नाथपुर, पुंदाग, और अरगोड़ा थानों में भी केस दर्ज हैं। पुलिस के मुताबिक, रांची में ब्राउन शुगर का धंधा करने वाला हर शख्स भाभीजी से माल लेता था। उसके घर पर नशे के सौदागरों का जमावड़ा लगा रहता था।
29 अप्रैल को कोर्ट में किया था सरेंडर
रांची पुलिस ने भाभीजी पर शिकंजा कसते हुए उसके घर की कुर्की-जब्ती का वारंट निकाला था। अग्रिम जमानत की कोशिश नाकाम होने के बाद रूबी ने 29 अप्रैल 2025 को रांची सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
पुलिस का दावा: नशे का जाल तोड़ने की कवायद जारी
रांची पुलिस का कहना है कि भाभीजी के खुलासों से नशे के इस गोरखधंधे के और बड़े नाम सामने आ सकते हैं। पुलिस ने इस कारोबार की जड़ तक पहुंचने के लिए जांच तेज कर दी है। शहर में नशे के खिलाफ चल रही मुहिम में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
क्या रांची को नशे के इस जाल से मुक्ति मिल पाएगी? यह सवाल हर किसी के जेहन में है।