पचमढ़ी, 23 जून 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सादगी और जनता से जुड़ाव की कहानियां किसी से छिपी नहीं हैं। कभी चाय की टपरी पर चुस्कियां लेते, तो कभी सड़क किनारे ठेले पर गपशप करते दिखने वाले सीएम ने एक बार फिर अपने दिलकश अंदाज से सबका दिल जीत लिया। रविवार को पचमढ़ी से लौटते वक्त बारिआम गांव में सड़क किनारे आम बेचतीं महिलाओं को देखकर उन्होंने न सिर्फ अपना काफिला रुकवाया, बल्कि लाडली बहनों से आत्मीयता भरी बातचीत भी की।
सड़क किनारे टोकरी में आम सजाए बैठीं बसंती टेकाम और अन्य महिलाओं को देखकर सीएम का काफिला रुका, तो आसपास उत्साह की लहर दौड़ गई। डॉ. यादव ने बड़े प्यार से पूछा, “रोज कितने के आम बेच लेती हो?” बसंती की खुशी का ठिकाना न रहा। उन्होंने मुस्कुराते हुए बताया, “सर, सुबह से शाम तक बैठते हैं, 400-500 रुपये के आम बिक जाते हैं।” सीएम ने पास खड़ी बसंती की बेटी को देखकर पूछा, “ये बिटिया स्कूल जाती है?” बसंती ने गर्व से जवाब दिया, “हां सर, सीएम राइज स्कूल में पढ़ती है।” इस पर सीएम ने हल्की मुस्कान के साथ कहा, “अरे बिटिया, अब तो उसका नाम सांदीपनि विद्यालय हो गया!”
आम खरीदे, बच्चों में बांटे, दिल जीते
सीएम ने न सिर्फ महिलाओं से बातचीत की, बल्कि उनसे आम भी खरीदे और खुद भुगतान किया। इतना ही नहीं, उन्होंने और उनकी धर्मपत्नी सीमा यादव ने खरीदे गए आम वहां मौजूद नन्हे-मुन्ने बच्चों में स्नेह के साथ बांट दिए। इस पल को सीएम ने अपने X हैंडल पर एक वीडियो के जरिए साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “बहनें आत्मनिर्भर बन रही हैं… बच्चे स्कूल जा रहे हैं…” यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, और लोग सीएम की इस सादगी की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
आत्मनिर्भरता की मिसाल
डॉ. मोहन यादव का यह छोटा-सा कदम न सिर्फ उनकी सादगी को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वे प्रदेश की आत्मनिर्भर बहनों और बच्चों की शिक्षा के प्रति कितने संवेदनशील हैं। बारिआम गांव की यह घटना अब लोगों के बीच प्रेरणा बनकर उभर रही है, जहां एक मुख्यमंत्री ने सड़क किनारे रुककर न सिर्फ आम खरीदा, बल्कि अपनत्व और प्रेम का संदेश भी दिया।