हाईकोर्ट के दबाव में ढाई दिन में सुलझाया ढाई माह पुराना मामला, मामा-बहन ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, मांगी निष्पक्ष जांच
वाराणसी, 23 जून 2025, सोमवार : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। शिवपुर थानांतर्गत सरसवा गांव के शशांग की कथित हत्या का मामला, जिसे पुलिस ने हाईकोर्ट के दबाव में महज ढाई दिन में सुलझाने का दावा किया, अब विवादों के घेरे में है। शशांग के मामा समरजीत, बड़ी बहन निशा और चाची अमरावती ने पुलिस पर सनसनीखेज आरोप लगाया है कि बरामद हड्डियां पशुओं की हैं और शशांग अभी जिंदा है। परिजनों ने पुलिस की कहानी को “मनगढ़ंत” करार देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
पुलिस की कहानी पर सवाल
पुलिस का दावा है कि शशांग की हत्या उसके बचपन के दोस्त रोहित पटेल ने तीन लाख रुपये के लालच में की थी। रोहित ने कथित तौर पर शशांग को बीयर पिलाने के बहाने उंदी गांव के सुनसान खेत में ले जाकर रस्सी से गला घोंट दिया और शव को झाड़ियों में फेंक दिया। गुरुवार को पुलिस ने झाड़ियों से एक सैंडल, बियर की बोतल और कंकाल बरामद किया। कैंट एसीपी विद्युष सक्सेना ने बताया कि पोस्टमार्टम में हड्डियां मानव की बताई गई हैं और डीएनए जांच चल रही है। हालांकि, रोहित के बयान में विरोधाभास है, जिससे शक गहरा रहा है कि वारदात में और लोग भी शामिल हो सकते हैं।
परिजनों का दर्दनाक आरोप
शशांग की बहन निशा ने पुलिस की पूरी कहानी को खारिज करते हुए कहा, “मेरा भाई जिंदा है। पुलिस ने मनगढ़ंत कहानी गढ़ी है। बियर की बोतल और सैंडल से कैसे साबित हो गया कि ये मेरे भाई का है? हाईकोर्ट ने 12 जून को पुलिस से जवाब मांगा था और 9 जुलाई तक का समय दिया था। दबाव में पुलिस ने ये कहानी रच डाली।” परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने रोहित पर बयान बदलने का दबाव बनाया और मामले को जल्दबाजी में रफा-दफा करने की कोशिश की।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस के मुताबिक, शशांग के पिता ने हाल ही में एक करोड़ रुपये की जमीन बेची थी, जिसके पैसे से नया घर बन रहा था। रोहित ने इस पैसे में से तीन लाख रुपये की मांग की थी। जब शशांग ने इनकार किया, तो 31 मार्च की शाम रोहित ने उसे फोन कर बुलाया और गाड़ी में बैठाकर उंदी गांव ले गया। वहां बीयर पीने के बाद रस्सी से उसका गला घोंट दिया। हैरानी की बात यह है कि रोहित ने खुद को बचाने के लिए शशांग के परिजनों के साथ खेत में तलाशी में शामिल हुआ और थाने में एफआईआर दर्ज कराने भी गया।
हाईकोर्ट के दबाव में तेजी
हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद पुलिस ने मामले को तेजी से निपटाया। गिरफ्तारी करने वाली टीम में थानाध्यक्ष राजू कुमार और एसएसआई सुनील कुमार यादव शामिल थे। लेकिन परिजनों के आरोपों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान लगा दिया है। घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने चांदमारी-हरहुआ मार्ग को दो घंटे तक जाम कर दिया था, जिसके बाद तत्कालीन थाना प्रभारी समेत दो दरोगा निलंबित किए गए।
आगे क्या?
डीसीपी वरुणा प्रमोद कुमार ने बताया कि रोहित को गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ जारी है। लेकिन परिजनों की मांग है कि डीएनए रिपोर्ट और निष्पक्ष जांच से सच्चाई सामने लाई जाए। शशांग के जिंदा होने का दावा और पुलिस की कहानी के बीच उलझा यह मामला अब वाराणसी में चर्चा का केंद्र बन गया है। क्या शशांग वाकई जिंदा है, या पुलिस की कहानी में दम है? यह सवाल हर किसी के जेहन में है।जांच के नतीजे का इंतजार, सच्चाई का पर्दाफाश जल्द!