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Sunday, June 22, 2025

वाराणसी में साइबर ठगों का भंडाफोड़: अडानी सीमेंट के नाम पर 14 लाख की ठगी, कोलकाता से दो जालसाज गिरफ्तार!

वाराणसी, 22 जून 2025, रविवार: साइबर अपराधियों के खिलाफ वाराणसी पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। अडानी सीमेंट की फ्रेंचाइजी दिलाने का झांसा देकर 14 लाख रुपये ठगने वाले दो शातिर साइबर जालसाजों को पुलिस ने कोलकाता से धर दबोचा। डीसीपी क्राइम सरवणन टी की अगुवाई में साइबर क्राइम पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश किया। पकड़े गए ठग फर्जी वेबसाइट और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। दोनों को जेल भेज दिया गया है।

16 मई को दर्ज हुआ था मामला

डीसीपी सरवणन टी ने बताया कि 16 मई 2025 को लोहता निवासी आमिल कुमार सिंह ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि अडानी सीमेंट की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर जालसाजों ने उनसे 14 लाख रुपये ठग लिए। ठगी की रकम दो अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी। इस शिकायत पर तुरंत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई।

सर्विलांस और डिजिटल ट्रैकिंग से खुला राज

पुलिस ने सर्विलांस और डिजिटल फुटप्रिंट्स की मदद से जालसाजों का पता लगाया। जांच में दो संदिग्धों के नाम सामने आए—संजीत सिंह (निवासी वार्ड नं. 14, कनकीनारा, भाटपारा, कोलकाता) और कृष्णा शाव (निवासी न्यूगीपारा रोड, आतपुर, जगतदल, कोलकाता)। पुलिस ने तुरंत एक विशेष टीम गठित की और दोनों को कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया।

फर्जी वेबसाइट और सोशल मीडिया का जाल

एडीसीपी क्राइम श्रुति श्रीवास्तव ने खुलासा किया कि ये साइबर ठग बड़े ही शातिराना अंदाज में काम करते थे। ये लोग मैकडॉनल्ड्स, डोमिनोज, जेएसडब्ल्यू स्टील, अडानी सीमेंट, केएफसी और हल्दीराम जैसी नामी कंपनियों के असली डोमेन से मिलते-जुलते फर्जी डोमेन खरीदकर वेबसाइट बनाते थे। इन वेबसाइटों को फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापनों के जरिए प्रचारित किया जाता था।
जालसाज फ्रेंचाइजी चाहने वालों को निशाना बनाते थे। लोगों को लुभाने के लिए फर्जी दस्तावेज जैसे इंटेंट लेटर, अप्रूवल लेटर भेजे जाते थे। फिर रजिस्ट्रेशन फी, सिक्योरिटी मनी और जीएसटी के नाम पर ठगी की रकम वसूल कर अपने खातों में बांट ली जाती थी।

कानूनी कार्रवाई शुरू

पकड़े गए दोनों ठगों के खिलाफ साइबर क्राइम थाने में दर्ज मुकदमा नंबर 19/25 के तहत धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 317(2), 61(2) बीएनएस और 66डी आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। दोनों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस अब इनके नेटवर्क और अन्य संभावित ठगी के मामलों की जांच में जुट गई है।

पुलिस की सलाह

डीसीपी सरवणन ने लोगों से अपील की है कि फ्रेंचाइजी या निवेश के लुभावने ऑफर पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। किसी भी कंपनी की वेबसाइट और दस्तावेजों की सत्यता जांच लें और साइबर ठगी से सावधान रहें।

यह खबर वाराणसी पुलिस की साइबर अपराध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का एक और सबूत है।

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