रांची, 21 जून 2025: खनिजों की खान कहे जाने वाले झारखंड में बिजली संकट ने ऐसा तांडव मचाया कि अब तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी पावर कट की चपेट में आ गए! जी हां, जिस राज्य से देश का 40% खनिज निकलता है, जहां कोयले और यूरेनियम की भरमार है, वहां बिजली की आंखमिचौली ने आम से लेकर खास तक को हलकान कर रखा है। ताजा वाकया तो तब हुआ, जब सीएम सोरेन खुद अपनी कैबिनेट बैठक के दौरान अंधेरे में डूब गए।
मंत्रालय में मंत्रणा, तभी बत्ती गुल!
20 जून को रांची के प्रोजेक्ट भवन में सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की अहम बैठक चल रही थी। सभी 11 मंत्री मौजूद थे, और झारखंड के विकास की योजनाओं पर जोर-शोर से चर्चा हो रही थी। तभी अचानक बिजली ने धोखा दे दिया, और पूरा मंत्रालय अंधेरे में डूब गया। यह नजारा उस झारखंड का था, जो कोयला उत्पादन में अव्वल है, मगर बिजली के मामले में फिसड्डी साबित हो रहा है।
हालांकि, कुछ देर बाद बिजली बहाल हुई, लेकिन यह घटना राज्य की बिजली व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर गई। जब पत्रकारों ने सीएम से पूछा कि जनता पावर कट से त्रस्त है, इसका क्या समाधान है? तो सोरेन ने हल्के अंदाज में कहा, “आज तो मेरी कैबिनेट बैठक में ही लाइट चली गई! मैंने अधिकारियों को तुरंत इस समस्या का स्थायी हल निकालने के निर्देश दिए हैं।”
आम से खास तक, सब बिजली संकट के शिकार
चाहे रांची की गलियां हों या झारखंड के बाकी 24 जिले, बिजली की लुकाछिपी से हर कोई परेशान है। गर्मी की तपिश में घंटों की कटौती ने जनता का जीना मुहाल कर दिया है। अब तो हाल यह है कि मुख्यमंत्री तक इस संकट से अछूते नहीं रहे।
बैठक में 26 प्रस्तावों पर मुहर, मगर बिजली का क्या?
बिजली कटौती के इस ड्रामे के बीच कैबिनेट बैठक में 26 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें खूंटी में महिला महाविद्यालय के निर्माण, झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड के लिए 3 करोड़ की सहायता, और झारखंड राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक प्रोन्नति नियमावली 2025 के गठन जैसी योजनाएं शामिल हैं। मगर सवाल यह है कि जब बिजली ही नहीं, तो ये योजनाएं धरातल पर कैसे उतरेंगी?
जनता की पुकार, अब तो सुनो सरकार!
झारखंड की जनता अब बिजली संकट से निजात पाने की आस लगाए बैठी है। सीएम सोरेन ने भले ही अधिकारियों को निर्देश दे दिए हों, लेकिन क्या यह संकट जल्द थमेगा? या फिर बिजली की यह लुकाछिपी यूं ही चलती रहेगी? यह सवाल हर झारखंडवासी के मन में है। फिलहाल, जनता और सरकार दोनों का इम्तिहान जारी है।