भोपाल, 21 जून 2025। हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका अपना घर हो, लेकिन आर्थिक तंगी अक्सर इस सपने को पूरा होने से रोक देती है। प्रधानमंत्री आवास योजना की धीमी रफ्तार के बीच मध्य प्रदेश के गुजराती समाज ने एक अनूठी पहल शुरू की है। समाज गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को 2 लाख रुपये तक का होम लोन दे रहा है, जिसकी मासिक किश्त मात्र 5000 रुपये है।
स्वर्गीय वचु भाई देसाई स्मृति ऋण योजना का एक साल
गुजराती समाज के अध्यक्ष संजय पटेल ने बताया कि पिछले साल शुरू की गई ‘स्वर्गीय वचु भाई देसाई स्मृति ऋण योजना’ के तहत यह लोन दिया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य उन परिवारों को सशक्त करना है जो आर्थिक कमजोरी के कारण किराए के मकान में जीवन बिता रहे हैं। लोन की खासियत यह है कि पहले साल कोई किश्त नहीं देनी होती, और दूसरे साल से हर महीने 5000 रुपये की किश्त जमा करनी होती है। अभी दो लोगों के लोन आवेदन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
बैंकों जैसी सख्ती से दस्तावेजों की जांच
संजय पटेल ने बताया कि लोन देने से पहले बैंकों की तरह दस्तावेजों की गहन जांच की जाती है। संपत्ति विवादित होने या कागजात अधूरे होने पर लोन रद्द कर दिया जाता है। लोन के लिए रजिस्ट्री, टीएनसीपी और अन्य जरूरी अनुमतियां अनिवार्य हैं। अब तक रद्द हुए आवेदनों में यही कमियां सामने आई हैं।
गुजराती समाज की व्यापक सामाजिक योजनाएं
मध्य प्रदेश में गुजराती समाज की आबादी एक लाख से अधिक है, जिसमें इंदौर में ही 35-40 हजार लोग हैं। संजय पटेल के मुताबिक, प्रदेश में 5-6 हजार लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। समाज इनके उत्थान के लिए होम लोन के अलावा शिक्षा, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) लोन, बुजुर्गों और विधवाओं के लिए पेंशन जैसी योजनाएं चला रहा है।
दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए विशेष सहायता
समाज द्वारा बैटरी ऑटो खरीदने और उच्च शिक्षा के लिए भी लोन दिया जा रहा है। दिव्यांगों को हर महीने 2500 रुपये की पेंशन, बुजुर्ग दंपत्तियों को प्रति व्यक्ति 1500 रुपये (कुल 3000 रुपये) और विधवा महिलाओं को 1500 रुपये की मासिक पेंशन दी जाती है। यह पहल न केवल गुजराती समाज के लिए, बल्कि अन्य समुदायों के लिए भी एक प्रेरणा है। संजय पटेल का कहना है कि समाज का लक्ष्य हर जरूरतमंद को सशक्त बनाना है, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।