आजमगढ़, 20 जून 2025, शुक्रवार: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को 91.35 किलोमीटर लंबे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने गर्व के साथ कहा कि उत्तर प्रदेश अब ‘बिमारू’ राज्य की छवि से बाहर निकलकर ‘एक्सप्रेसवे’ वाला राज्य बन चुका है। आजमगढ़ में आयोजित उद्घाटन समारोह में सीएम ने कहा कि यह परियोजना ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आजमगढ़ का बदला स्वरूप, डबल इंजन सरकार की देन
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था जब लोग आजमगढ़ का नाम लेने से कतराते थे, लेकिन आज यह जिला विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है। उन्होंने इस बदलाव का श्रेय बीजेपी की डबल इंजन सरकार को दिया। योगी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाएं अधूरी छोड़ दी गई थीं, लेकिन वर्तमान सरकार ने अपने कार्यकाल में छह एक्सप्रेसवे पूरे किए हैं। इनमें 2021 में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और 2022 में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन शामिल है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे अब पटना से भी जुड़ेगा, जिससे पटना से लखनऊ और दिल्ली तक की कनेक्टिविटी और आसान हो जाएगी।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की खासियत
यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ा हुआ है और गोरखपुर के जैतपुर (एनएच-27 के समीप) से शुरू होकर आजमगढ़ के सलारपुर तक 91.35 किमी की दूरी तय करता है। यह मार्ग गोरखपुर, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर और आजमगढ़ जैसे चार जिलों को जोड़ता है। भविष्य में इसे छह लेन तक विस्तारित करने की योजना है। परियोजना की कुल लागत 7283.28 करोड़ रुपये है, जिसमें भूमि अधिग्रहण का खर्च भी शामिल है। इसे दो हिस्सों में बनाया गया है: पहला खंड जैतपुर से अंबेडकर नगर के फुलवरिया तक (48.317 किमी) और दूसरा फुलवरिया से सलारपुर तक (43.035 किमी)।
विकास की नई गाथा
सीएम योगी ने इस अवसर पर जोर देकर कहा कि यह एक्सप्रेसवे न केवल यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि पूर्वांचल के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देगा। यह परियोजना उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और राज्य को देश के अग्रणी राज्यों में शुमार करने की दिशा में एक और कदम है।