नई दिल्ली, 18 जून 2025, बुधवार। भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बयानों का ऐसा तूफान खड़ा किया, मानो उन्होंने ही दोनों देशों को युद्ध के मुहाने से खींच लिया हो! ट्रंप ने बार-बार दावा किया कि उनकी वजह से भारत-पाकिस्तान का तनाव थमा और यहाँ तक कि व्यापार रोकने की धमकी भी दे डाली। लेकिन अब लगता है कि ट्रंप का यह जोश ठंडा पड़ गया है, क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन पर दो टूक सुनाकर सारी हकीकत साफ कर दी है।
पीएम मोदी ने ट्रंप को स्पष्ट शब्दों में बताया कि भारत-पाकिस्तान के बीच कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता थी ही नहीं। 22 अप्रैल को पहलगाम हमले और उसके बाद शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान न तो कोई ट्रेड डील की बात हुई, न ही मध्यस्थता का कोई सवाल उठा। मोदी ने साफ कहा कि सैन्य कार्रवाई रोकने की बातचीत भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे हुई, और वह भी पाकिस्तान के अनुरोध पर। भारत ने न कभी मध्यस्थता स्वीकार की, न करता है, और न ही भविष्य में करेगा। इस दमदार जवाब ने भारत की संप्रभुता और आत्मनिर्भरता का लोहा एक बार फिर मनवा दिया।
इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार अनिता चौधरी ने बीजेपी सांसद गुलाम अली से खास बातचीत की, जिसमें गुलाम अली ने भारत की वैश्विक ताकत को गर्व के साथ रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता ने तीसरी बार पीएम मोदी और एनडीए पर भरोसा जताया है। मोदी के नेतृत्व में भारत ने न सिर्फ तरक्की की है, बल्कि वैश्विक मंच पर एक सशक्त आवाज बनकर उभरा है। चाहे ट्रंप हों, रूस हो, या यूरोप, भारत अब सबके साथ बराबरी का रिश्ता रखता है। ऑपरेशन सिंदूर की बात पर गुलाम अली ने जोर देकर कहा कि यह आतंकवाद और उसके ठिकानों के खिलाफ भारत का सटीक प्रहार था, जिसमें किसी मध्यस्थ की जरूरत ही नहीं पड़ी।
अनिता चौधरी ने जब गुलाम अली से पूछा कि विदेशों में आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए आप डेलिगेशन का हिस्सा थे, तो वहाँ का रिस्पॉन्स कैसा रहा? गुलाम अली ने जवाब दिया कि पीएम मोदी का यह कदम बेहद जरूरी था। विदेशी धरती पर सत्ताधारी नेताओं और सांसदों से मुलाकात कर भारत का पक्ष रखने का मौका मिला, और सभी ने हमारी बातों को गंभीरता से सुना। उन्होंने जोड़ा कि ऐसे प्रयासों को और तेज करना चाहिए।
जब अनिता ने कांग्रेस के आरोपों का जिक्र किया कि अमेरिका ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को अपने यहां दावत में बुलाया था, तो गुलाम अली ने तंज कसते हुए कहा, “भारत को कहीं कटोरा लेकर जाने की जरूरत नहीं। हम अपने दम पर उभरती ताकत हैं!”
इसके बाद अनिता चौधरी ने पीएम मोदी और ट्रंप की 35 मिनट की फोन कॉल पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश के सवालों का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने विदेश सचिव के बयान को गलत ठहराने की कोशिश की थी। बीजेपी ने जयराम को घेर लिया, और आखिरकार उन्हें माफी मांगनी पड़ी। इस पर गुलाम अली ने चुटकी लेते हुए कहा, “कांग्रेस को अभी 100 साल और लगेंगे नई सोच अपनाने में। पुराने लोग, पुरानी किताबें पढ़ते हैं, और फिर माफी मांगकर पीछे हट जाते हैं। जनता ने उन्हें नकार दिया, अब हताशा में बेतुके बयान दे रहे हैं।”
यह पूरी घटना भारत की कूटनीतिक ताकत और पीएम मोदी के नेतृत्व की दमदार गवाही देती है, जिसने न सिर्फ ट्रंप के दावों को खारिज किया, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की साख को और मजबूत किया।