वाराणसी, 18 जून 2025, बुधवार। वाराणसी की जिला जेल में बंद बांसडीह सीएचसी के प्रभारी डॉ. वेंकटेश मौर्य की रहस्यमयी मौत ने सनसनी मचा दी है। उनकी पत्नी प्रियंका ने जेल प्रशासन पर गंभीर और चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं। प्रियंका का दावा है कि उनके पति की जेल के अंदर हत्या की गई, क्योंकि उन्होंने डेढ़ लाख रुपये की उगाही की मांग पूरी नहीं की। इस मामले ने न केवल जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि पूरे सिस्टम की पारदर्शिता पर भी उंगली उठ रही है।
प्रियंका ने बताया कि उनके पति को जेल में अमानवीय व्यवहार का शिकार बनाया गया। उन्हें बुखार, शुगर और हाई ब्लड प्रेशर की दवाइयां तक नहीं दी गईं। वह कहती हैं, “मैं पांच बोतल पानी भेजती थी, लेकिन सिर्फ एक ही पहुंचता था।” चार दिन तक भूखे रहने और दवाइयों से वंचित रहने के कारण डॉ. वेंकटेश की हालत बिगड़ती चली गई। प्रियंका ने बताया कि दो दिन पहले जब वह अपने पति से मिलने जेल पहुंचीं, तो डॉ. वेंकटेश ने उनसे गुहार लगाई, “मुझे यहां से निकालो, कहीं बाहर इलाज करवाओ, वरना मैं मर जाऊंगा।”
जेलर पर डेढ़ लाख रुपये की उगाही का आरोप
प्रियंका ने जेलर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जेलर ने इलाज के नाम पर पैसे मांगे। जेलर ने कथित तौर पर कहा, “यहां जो आते हैं, सब ड्रामा करते हैं। अगर इलाज करवाना है, तो हर हफ्ते 25,000 रुपये देने होंगे। जेल के अंदर भर्ती या बाहर अस्पताल में इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपये चाहिए।” इतना ही नहीं, प्रियंका ने जेल अधीक्षक पर उनके पति के साथ अनैतिक व्यवहार का भी आरोप लगाया।
डॉ. वेंकटेश के भाई रंकटेश ने भी इस मामले में अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने बताया कि मंडलीय अस्पताल के डॉक्टरों से बातचीत में पता चला कि उनके भाई की मौत जेल में ही हो गई थी। रंकटेश ने जेल प्रशासन की लापरवाही और संदिग्ध भूमिका पर सवाल उठाए।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक की बात, लेकिन सवाल बरकरार
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉ. वेंकटेश की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें हाइपरटेंशन और माइग्रेन की बीमारी थी, और भीषण गर्मी के बीच जेल में रहने से उनकी तबीयत और बिगड़ गई, जिससे कार्डियक अरेस्ट हुआ। हालांकि, प्रियंका और उनके परिवार को इस रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है। उनका कहना है कि यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा हो सकता है।
रिश्वत केस से शुरू हुआ विवाद
डॉ. वेंकटेश को कुछ दिन पहले बलिया में विजिलेंस टीम ने 20,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। जन औषधि केंद्र संचालक अजय तिवारी की शिकायत पर 12 जून 2025 को वाराणसी से आई 14 सदस्यीय विजिलेंस टीम ने उन्हें गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए वाराणसी लाया गया, और सोमवार को उनकी अचानक मौत की खबर ने सबको चौंका दिया।
न्याय की मांग
इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। प्रियंका ने कारागार मंत्री, डीजीपी और अन्य आला अधिकारियों को पत्र लिखकर इंसाफ की गुहार लगाई है। वहीं, आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने भी इस मामले में मुख्य सचिव और डीजीपी को शिकायती पत्र भेजकर जांच की मांग की है।
क्या है सच्चाई?
डॉ. वेंकटेश की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह वाकई हार्ट अटैक था, या जेल प्रशासन की लापरवाही और कथित उगाही का नतीजा? प्रियंका और उनके परिवार के आरोपों ने इस मामले को और रहस्यमय बना दिया है। जिला प्रशासन ने पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोग्राफी कराई, लेकिन सच्चाई सामने आने के लिए एक निष्पक्ष जांच की जरूरत है।
यह मामला न केवल डॉ. वेंकटेश के परिवार के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ा सवाल है कि क्या जेल में बंद कैदियों के साथ इंसाफ हो रहा है, या सत्ता और पैसे का खेल उनकी जिंदगी छीन रहा है?