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Friday, August 8, 2025

क्या सच्चाई… क्या झूठ? गंगा आरती के दौरान युवक की गंगा में डूबने से मौत, पत्नी बोली- पैर फिसला, नाविकों का दावा- खुद कूदा!

वाराणसी, 15 जून 2025, रविवार: शनिवार की शाम वाराणसी के पवित्र दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के दौरान एक दुखद घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। कुशीनगर से काशी दर्शन के लिए आए 32 वर्षीय नंदन मणि त्रिपाठी की गंगा में डूबने से मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब नंदन अपनी पत्नी दीक्षा मिश्रा के साथ बजड़े पर बैठकर गंगा आरती का दृश्य देख रहे थे। लेकिन इस घटना ने एक रहस्यमयी मोड़ ले लिया है, क्योंकि पत्नी और नाविकों के बयान आपस में टकरा रहे हैं।

पत्नी का दावा- पैर फिसलने से हुआ हादसा

दीक्षा मिश्रा का कहना है कि नंदन का पैर अचानक फिसला और वह अनजाने में गंगा की तेज धारा में गिर गए। आंसुओं से भीगी दीक्षा ने बताया, “हम आरती का आनंद ले रहे थे, तभी अचानक वह असंतुलित हो गए और पानी में गिर पड़े। मैंने उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि कुछ समझ ही नहीं आया।” घटना के बाद दीक्षा पूरी तरह टूट चुकी हैं। वह घाट पर बैठकर लगातार पूजा करती रही, इस उम्मीद में कि उनका पति सही-सलामत लौट आएगा।

नाविकों की कहानी- झगड़े के बाद लगाई छलांग

दूसरी ओर, घटना के चश्मदीद नाविकों का बयान पत्नी की कहानी से बिल्कुल उलट है। नाविकों का दावा है कि दंपती के बीच बजड़े पर किसी बात को लेकर तीखी बहस हुई थी। नाराज होकर नंदन ने गुस्से में गंगा में छलांग लगा दी। एक नाविक रामलखन ने बताया, “हमने देखा कि दोनों के बीच कुछ तनातनी चल रही थी। अचानक साहब ने गुस्से में नाव से कूदने का फैसला कर लिया। हमने रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने।” नाविकों के इस बयान ने मामले को और उलझा दिया है।

NDRF और जलपुलिस की तलाश जारी

दशाश्वमेध थानाध्यक्ष विजय कुमार शुक्ला ने बताया कि नंदन के शव की तलाश के लिए जलपुलिस, NDRF और स्थानीय गोताखोरों की टीमें दिन-रात जुटी हुई हैं। उन्होंने कहा, “महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, जिसके चलते अभी उनसे विस्तृत पूछताछ नहीं हो पा रही। हमारी पहली प्राथमिकता शव को बरामद करना है।” पुलिस ने आसपास के लोगों और अन्य नाविकों से भी पूछताछ शुरू कर दी है ताकि घटना की सच्चाई सामने आ सके।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

घटना की सूचना मिलते ही नंदन के परिजन कुशीनगर से वाराणसी पहुंच चुके हैं। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। नंदन के बड़े भाई आलोक त्रिपाठी ने कहा, “हमें विश्वास नहीं हो रहा कि ऐसा कैसे हो सकता है। नंदन बहुत जिम्मेदार इंसान था। हम चाहते हैं कि पुलिस इस मामले की गहराई से जांच करे।” परिजनों ने भी पत्नी और नाविकों के बयानों पर सवाल उठाए हैं।

सच्चाई का इंतजार

यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि रहस्यों से भरी भी है। क्या नंदन का पैर फिसला, जैसा कि उनकी पत्नी कह रही हैं, या फिर गुस्से में उन्होंने खुद गंगा में छलांग लगाई, जैसा कि नाविकों का दावा है? सच्चाई क्या है, यह तो पुलिस जांच और शव की बरामदगी के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। फिलहाल, दशाश्वमेध घाट पर सन्नाटा पसरा है और गंगा की लहरें इस अनसुलझे सवाल का जवाब तलाश रही हैं।

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