नई दिल्ली, 14 जून 2025: अहमदाबाद में हुए दिल दहलाने वाले विमान हादसे के बाद टाटा ग्रुप ने एक संवेदनशील और सराहनीय कदम उठाया है। ग्रुप ने हादसे में जान गंवाने वाले सभी लोगों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इस दुखद हादसे में 14 जून शनिवार तक 274 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिसमें विमान में सवार यात्री, आसपास मौजूद लोग और 20 मासूम छात्र भी शामिल हैं। टाटा ग्रुप ने साफ किया कि यह मुआवजा न केवल विमान में सवार लोगों, बल्कि जमीन पर हादसे का शिकार हुए 33 लोगों के परिवारों को भी दिया जाएगा।
टाटा संस के अध्यक्ष का भावुक संदेश
टाटा संस के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस त्रासदी पर गहरा दुख जताया। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “हम इस दुखद हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी परिवारों के साथ हैं। टाटा ग्रुप हर प्रभावित परिवार को 1 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करेगा।” साथ ही, उन्होंने घायलों के इलाज की जिम्मेदारी भी उठाने का वादा किया। शुरू में यह स्पष्ट नहीं था कि मुआवजा केवल विमान यात्रियों तक सीमित होगा या जमीन पर मारे गए लोगों को भी मिलेगा। लेकिन टाटा ग्रुप के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस भ्रम को दूर करते हुए कहा, “यह सहायता हर उस व्यक्ति के परिवार को दी जाएगी, जो इस हादसे का शिकार हुआ, चाहे वे विमान में हों या जमीन पर।”
क्या मुआवजे से आगे भी मिलेगी मदद?
जब टाटा ग्रुप के अधिकारी से पूछा गया कि क्या वित्तीय सहायता के अलावा मृतकों के परिजनों को नौकरी या अन्य कोई मदद दी जाएगी, तो उन्होंने कहा, “फिलहाल हम स्थिति का आकलन कर रहे हैं। जांच शुरू हो चुकी है, और अभी इस तरह की कोई योजना तय नहीं की गई है।” हालांकि, टाटा ग्रुप का यह कदम पीड़ित परिवारों के लिए एक बड़ा सहारा बन सकता है।
बीमा कंपनियों से भी मिलेगी राहत
टाटा ग्रुप की इस सहायता के अलावा, विमान हादसे में मारे गए यात्रियों के परिजनों को बीमा कंपनियों से भी करीब 1.5 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलने की उम्मीद है। यह अतिरिक्त सहायता प्रभावित परिवारों के लिए कुछ हद तक आर्थिक बोझ को कम कर सकती है।
एक उम्मीद की किरण
इस दुखद घटना के बीच टाटा ग्रुप का यह कदम न केवल पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक मदद का जरिया है, बल्कि यह भी दिखाता है कि संकट के समय में मानवीय संवेदनाएं और जिम्मेदारी कितनी अहम होती हैं। टाटा ग्रुप का यह प्रयास निश्चित रूप से समाज में एक सकारात्मक संदेश देता है।