वाराणसी, 12 जून 2025, गुरुवार। वाराणसी के पवित्र दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की लहरों के बीच हजारों श्रद्धालुओं का समूह एकत्र हुआ, जहां अहमदाबाद विमान हादसे में असमय काल के गाल में समाए यात्रियों की स्मृति में दीपदान का भावपूर्ण आयोजन हुआ। गंगा के तट पर जगमगाते दीपों की रोशनी और मंत्रोच्चार की गूंज के बीच मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थनाएं की गईं। यह दृश्य इतना मार्मिक था कि हर किसी की आंखें नम हो उठीं।

गंगा सेवा निधि द्वारा आयोजित विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती में गुरुवार को विशेष पूजन का आयोजन हुआ। इस अवसर पर 1100 दीपों की सतरंगी छटा ने घाट को आलोकित कर दिया, मानो हर दीप दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हो। श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने दो मिनट का मौन रखकर मृतकों के लिए प्रार्थना की, जिसने इस पवित्र क्षण को और भी गहन बना दिया।

काशी विश्वनाथ मंदिर में शांति पाठ
उधर, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के नवग्रह मंडप में भी विशेष शांति पाठ का आयोजन हुआ। वैदिक मंत्रों की गूंज और दीपों की पवित्र लौ के बीच मंदिर के आचार्यों और पुजारियों ने हादसे में दिवंगत यात्रियों की आत्मा की शांति और उनके परिजनों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। यह आयोजन काशी की आध्यात्मिक ऊर्जा को और गहन करता नजर आया।

संतों ने जताया गहरा शोक
जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अहमदाबाद विमान हादसे पर गहरा दुख जताया। इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित 200 से अधिक लोगों की दुखद मृत्यु पर संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने ईश्वर से मृतकों की आत्मा को मोक्ष और परिजनों को धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना की। वहीं, संत जितेंद्रानंद सरस्वती ने भी शोक व्यक्त करते हुए इस त्रासदी की गहन जांच की मांग उठाई। यह आयोजन न केवल एक श्रद्धांजलि था, बल्कि काशी की उस आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक भी था, जो दुख की घड़ी में लोगों को एकजुट कर आशा और संबल प्रदान करती है।