वाराणसी, 12 जून 2025: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने गुरुवार को कृषि विज्ञान केंद्र, कल्लीपुर, वाराणसी में आयोजित “विकसित कृषि संकल्प अभियान” के समापन समारोह में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि अब समय है खेती को घाटे के दलदल से निकालकर मुनाफे की राह पर ले जाने का। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गांव-गांव जाकर, खेत-खलिहानों में किसानों की स्थानीय भाषा में नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण दें।
रोहिणी नक्षत्र में धान रोपाई का सुनहरा अवसर
मंत्री ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में धान की रोपाई अत्यंत लाभकारी होती है। इस समय पौधों की वृद्धि तेज होती है, जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि होती है। उन्होंने किसानों से इस अवसर का लाभ उठाने की अपील की।
तकनीक और योजनाओं से समृद्ध होगी खेती
समारोह में आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अयोध्या के कुलपति कर्नल (डॉ.) बिजेन्द्र सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की कृषि उत्पादकता को पंजाब के समकक्ष लाने के लिए भूमि समतलीकरण, सही बीज दर और समयबद्ध बुआई जरूरी है। उन्होंने मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए ढैंचा और सनई जैसी हरी खाद वाली फसलों को अपनाने की सलाह दी, जिससे मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा बढ़े।

जल संरक्षण और आधुनिक तकनीकों पर जोर
कार्यक्रम में ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धतियों को अपनाने पर बल दिया गया, जो जल संरक्षण के साथ फसल उत्पादन बढ़ाने में कारगर हैं। साथ ही, मल्चिंग तकनीक से नमी संरक्षण और खरपतवार नियंत्रण की सलाह दी गई। मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने की बात भी सामने आई, जिससे फसल उत्पादन में 15-20% तक की वृद्धि संभव है।
गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
समारोह में कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं, जिनमें डॉ. संजय कुमार सिंह, उपमहानिदेशक (उद्यान), ICAR, नई दिल्ली; डॉ. राम बटुक सिंह, निदेशक (प्रसार); डॉ. राजेश कुमार, निदेशक, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान; अमित जायसवाल, उप कृषि निदेशक; संगम सिंह, जिला कृषि अधिकारी; डॉ. अशोक यादव, भूमि संरक्षण अधिकारी और बृजेश कुमार विश्वकर्मा, जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रमुख थे।
किसानों के लिए प्रेरणा
मंत्री रामनाथ ठाकुर ने समापन में सभी वैज्ञानिकों, अधिकारियों और किसानों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों और किसानों का यह गठजोड़ खेती में नई क्रांति लाएगा, जिससे न केवल किसान समृद्ध होंगे, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
यह अभियान किसानों के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनकर उभरा है, जो तकनीक और परंपरा के समन्वय से खेती को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।