वाराणसी, 11 जून 2025, बुधवार: वाराणसी के पिंडरा तहसील में बुधवार की सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एंटी करप्शन की तेज-तर्रार टीम ने कानूनगो महेंद्र सिंह को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया। पिंडरा तहसील के पास एक दुकान पर यह नाटकीय कार्रवाई हुई, जहां महेंद्र सिंह एक होमगार्ड से जमीन की पैमाइश के लिए 15 हजार रुपये की घूस वसूल रहा था। यह रकम उसने होमगार्ड की मां के नाम दर्ज जमीन की पैमाइश के लिए मांगी थी, जिसके लिए शुरू में उसने 20 हजार की मांग की थी।
पीड़ित की शिकायत, चालाकी से रची गई योजना
मामला तब शुरू हुआ जब फूलपुर थाना क्षेत्र के बरजी गांव निवासी होमगार्ड विजय कुमार ने अपनी मां सुगिया देवी को विरासत में मिली जमीन की पैमाइश के लिए SDM पिंडरा के दफ्तर में आवेदन किया। SDM ने कठिराव और अनेई सर्किल के प्रभारी कानूनगो महेंद्र सिंह को पैमाइश का जिम्मा सौंपा। लेकिन महेंद्र ने मौके का फायदा उठाते हुए विजय से 20 हजार रुपये की मांग की। जब विजय ने असमर्थता जताई, तो सौदा 15 हजार पर तय हुआ। लेकिन रिश्वत की इस मांग से तंग आकर विजय ने एंटी करप्शन की शरण ली।
5 जून को विजय ने एंटी करप्शन कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज की। उसने बताया कि महेंद्र लगातार दबाव डाल रहा है और रुपये न देने पर गलत पैमाइश की धमकी दे रहा है। विजय ने SDM के आदेश और अन्य दस्तावेज भी सौंपे। इसके बाद एंटी करप्शन की टीम ने जाल बिछाया।
पिंडरा बाजार में चला हाई-वोल्टेज ड्रामा
एंटी करप्शन की टीम ने चतुराई से प्लान बनाया और महेंद्र को पिंडरा तहसील के पास सुबह 9 बजे बुलाया गया। विजय ने उसे तहसील गेट के पास एक दुकान पर मिलने को कहा। सुबह 9:37 बजे जैसे ही विजय ने महेंद्र को रुपये की गड्डी थमाई, उसने फुर्ती से उसे जेब में ठूंस लिया। लेकिन उसे क्या पता था कि यह उसकी आखिरी गलती होगी! तभी वहां पहले से तैनात एंटी करप्शन की टीम ने उसे धर दबोचा। केमिकल लगे नोट बरामद किए गए, और महेंद्र के हाथ धुलवाकर पूरी कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई।
बाजार में मचा बवाल, फिर शांत हुए लोग
कानूनगो को पकड़े जाने के दौरान आसपास के दुकानदारों और स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। लेकिन एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर ने अपनी पहचान बताकर पूरा मामला समझाया, जिसके बाद भीड़ शांत हुई। इसके बाद महेंद्र को वाराणसी कैंट थाने ले जाया गया, जहां प्रभारी की तहरीर पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
कानूनगो की कहानी: 1 साल पहले ही मिली थी तरक्की
महेंद्र सिंह, मूल रूप से प्रतापगढ़ जिले के कन्हई थाना क्षेत्र के दरहूट गांव का निवासी है। 1990 में लेखपाल के रूप में भर्ती होने के बाद वह कई जिलों में तैनात रहा। 2024 में वाराणसी में उसकी तरक्की कानूनगो के पद पर हुई थी। अभी उसके सेवाकाल के तीन साल बाकी हैं, लेकिन इस शर्मनाक हरकत ने उसकी सारी साख पर धब्बा लगा दिया।