तेहरान, 11 जून 2025, बुधवार: मिडिल ईस्ट बारूद की ढेर पर खड़ा है। हल्की सी चिंगारी से मिडिल ईस्ट को जला सकती है। ईरान ने चुपके से परमाणु हथियारों की दिशा में बड़ा कदम उठाकर वैश्विक समुदाय को चौंका दिया है। इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) की ताजा रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि ईरान न केवल यूरेनियम संवर्धन में जुटा है, बल्कि उसने गुप्त रूप से ऐसे प्रयोग किए हैं, जो सीधे परमाणु बम बनाने की ओर इशारा करते हैं। यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है, जब अमेरिका और ईरान नई परमाणु डील के करीब पहुंच चुके थे।
20 साल पुरानी साजिश का पर्दाफाश
IAEA की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान की यह गुप्त परियोजना 20 साल पहले शुरू हुई थी। देश ने हर कदम का रिकॉर्ड रखा और अब भी वह इन योजनाओं को किसी भी वक्त सक्रिय कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 तक ईरान परमाणु हथियार बनाने की क्षमता हासिल कर सकता है। लैवीज़ान-शियान और मारिवान जैसी गुप्त साइटों पर न्यूट्रॉन डिटेक्टर और इम्प्लोजन सिस्टम विकसित किए गए, जिनका परीक्षण विस्फोटों के जरिए हुआ।
2003 में हुए दो गुप्त परीक्षण
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान ने 2003 में दो इम्प्लोजन टेस्ट किए- एक 15 फरवरी और दूसरा 3 जुलाई को। यह तकनीक परमाणु बम के कोर को सक्रिय करने में इस्तेमाल होती है और इसका कोई असैन्य उपयोग नहीं है। IAEA के अनुसार, ईरान के पास कम से कम 9 परमाणु बम बनाने की तकनीकी योजना और डिजाइन तैयार हैं।
वरामिन में मिला संदिग्ध सामान
IAEA ने वरामिन नामक स्थान का जिक्र किया, जहां यूरेनियम को गैस (UF6) में बदलने वाले सिलिंडर, रेडिएशन मापने के उपकरण, हाइड्रोफ्लोरिक एसिड और अन्य रसायन मिले। ये सभी परमाणु बम निर्माण की प्रक्रिया से जुड़े हैं। ईरान ने इन सामग्रियों को पांच कंटेनरों में छिपाने की कोशिश की, जिन्हें उसने खुद “सबसे अधिक संदूषित” माना। इसके अलावा, 2009 से 2018 के बीच तुर्कुज़ाबाद में छिपाए गए परमाणु सामग्री और जाबेर इब्न हयान लैब से गायब यूरेनियम का रहस्य भी गहराता जा रहा है।
ईरान की सफाई पर सवाल
IAEA ने कहा कि ईरान ने जांच में गलत और अस्पष्ट जानकारी दी। कई सवालों के जवाब अब तक नहीं मिले। इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी के प्रमुख डेविड अलब्राइट ने चेतावनी दी है कि यह मामला अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाना चाहिए।
इजराइल की सैन्य चेतावनी
इस खुलासे ने वैश्विक कूटनीति में भूचाल ला दिया है। इजराइल ने पहले ही ईरान पर सैन्य कार्रवाई की धमकी दी है, और यह रिपोर्ट 2018 में मोसाद द्वारा तेहरान से चुराई गई फाइलों से जुड़ी है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या यह खुलासा ईरान-अमेरिका डील को पटरी से उतार देगा या वैश्विक शांति के लिए नया खतरा बनकर उभरेगा।
ट्रंप ने दी थी ईरान को धमकी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर ईरान के साथ न्यूक्लियर डील पर बातचीत नाकाम रही तो वह ईरान की परमाणु सुविधाओं को तबाह कर सकते हैं। ईरान ने एक ऐसे समय पर परमाणु परीक्षण किया है, जब अमेरिका ने हिंद महासागर में डिएगो गार्सिया द्वीप पर अपनी सैन्य तैनाती बढ़ा दी है। डिएगो गार्सिया द्वीप अमेरिका का एक सैन्य रणनीतिक अड्डा है। जहां से अमेरिका मिडिल ईस्ट पर नजर रखता है। यहां पर अमेरिका ने बॉम्बर और F-15 फाइटर जेट्स तैनात किए हैं। इस तैनाती को ईरान पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
हाल में साऊदी रक्षा मंत्री ने किया था ईरान का दौरा
साऊदी रक्षा मंत्री मोहम्मद खालिद बिन सलमान ने हाल ही में तेहरान का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने ईरान के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी। सलमान ने कूटनीतिक लहजे में ईरान को चेतावनी भी दी थी कि ईरान अमेरिका के साथ चल रही न्यूक्लियर डील पर बातचीत को गंभीरता से ले, वरना इजरायल के साथ ईरान का युद्ध का खतरा बढ़ सकता है।