नई दिल्ली, 10 जून 2025, मंगलवार: दिल्ली के द्वारका में आज सुबह एक भयावह हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया। सेक्टर-13 में MRV स्कूल के पास एक बहुमंजिला अपार्टमेंट की नौवीं मंजिल पर अचानक आग भड़क उठी। देखते ही देखते लपटें और धुआं पूरे भवन को अपनी चपेट में लेने लगा, जिससे वहां रहने वालों में दहशत फैल गई।
नौवीं मंजिल पर फंसे परिवार की जिंदगी का अंत
आग की लपटों से घिरे एक पिता और उनके दो बच्चों—एक बेटा और एक बेटी—ने जिंदगी बचाने की हर मुमकिन कोशिश की। लेकिन जब आग ने उनके फ्लैट नंबर 191 को पूरी तरह घेर लिया, तो उनके पास कोई रास्ता नहीं बचा। हताश और मजबूर होकर उन्होंने बालकनी से नीचे छलांग लगा दी। यह छलांग उनकी जिंदगी की आखिरी उम्मीद थी, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। गंभीर रूप से घायल तीनों को तुरंत नजदीकी इंदिरा गांधी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी सांसें थम गईं।
फायर ब्रिगेड की देरी पर भड़का गुस्सा
स्थानीय लोगों का कहना है कि आग की सूचना देने के बावजूद फायर ब्रिगेड की गाड़ियां देर से पहुंचीं। जब तक आग बुझाने का काम शुरू हुआ, तब तक नुकसान बहुत ज्यादा हो चुका था। गुस्साए लोगों ने फायर ब्रिगेड की लापरवाही पर सवाल उठाए। हादसे के बाद द्वारका रोड पर भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। ट्रैफिक पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात को संभाला और रास्ते को फिर से खुलवाया।
आग पर काबू पाने की जद्दोजहद
फायर डायरेक्टर अतुल गर्ग ने बताया कि सुबह 10 बजे आग की सूचना मिलते ही 8 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और 40 से ज्यादा फायरकर्मी मौके पर रवाना किए गए। स्टेशन ऑफिसर मुकुल भारद्वाज की अगुवाई में टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। लेकिन ऊंची मंजिल पर लगी आग को बुझाने में सीढ़ी वाली गाड़ियों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इस बीच कैट की एंबुलेंस ने घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
द्वारका में मातम, सवाल बरकरार
यह हादसा न केवल एक परिवार की जिंदगी छीन ले गया, बल्कि कई सवाल भी छोड़ गया। क्या समय पर फायर ब्रिगेड की मौजूदगी इस त्रासदी को टाल सकती थी? क्या इमारत में अग्निशमन के पर्याप्त इंतजाम थे? इन सवालों के जवाब की तलाश में लोग गम और गुस्से में डूबे हैं। द्वारका की इस दुखद घटना ने एक बार फिर सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर कर दिया है।