नई दिल्ली, 10 जून 2025, मंगलवार: अमेरिका में इन दिनों इमिग्रेशन नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उबाल है। लॉस एंजिल्स की हिंसक सड़कों से उठा कोलाहल पूरे देश को हिलाकर रख रहा है, लेकिन अमेरिकी प्रशासन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। इस बीच, नेवार्क हवाई अड्डे पर एक भारतीय छात्र के साथ हुई दिल दहलाने वाली घटना ने सबको झकझोर दिया है। हथकड़ियों में जकड़ा गया, जमीन पर पटका गया, और अपराधी जैसा व्यवहार—इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलकर दुनिया का ध्यान खींचा है। अब भारत ने इस मामले में कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है।
सपनों को कुचलता वीडियो
भारतीय मूल के अमेरिकी कारोबारी कुणाल जैन ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो साझा किया, जो देखते ही देखते वायरल हो गया। इस वीडियो में एक भारतीय छात्र को हथकड़ियों में जकड़कर, रोते हुए, और अपराधी की तरह व्यवहार झेलते दिखाया गया है। कुणाल ने लिखा, “मैंने नेवार्क हवाई अड्डे पर एक भारतीय छात्र को हथकड़ियों में, आंसुओं के साथ, अपमानित होते देखा। वह अपने सपनों को सच करने आया था, न कि किसी को नुकसान पहुंचाने। एक NRI के तौर पर, मैं खुद को टूटा और कमजोर महसूस कर रहा हूं।”
वीडियो में दिखता है कि अमेरिकी अधिकारी उस छात्र के साथ बेरहमी से पेश आ रहे हैं। वह बार-बार रोते हुए कहता है, “मैं पागल नहीं हूं!” लेकिन अधिकारी उसे जबरदस्ती हथकड़ियों में जकड़कर जमीन पर पटक देते हैं। कुणाल ने भारतीय दूतावास और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप की गुहार लगाई। उन्होंने लिखा, “हमें पता लगाना चाहिए कि इस छात्र का क्या हाल है। ऐसे मामले अब रोज सामने आ रहे हैं।”
भारतीय दूतावास का त्वरित रुख
वीडियो के वायरल होने के बाद नेवार्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास हरकत में आया। दूतावास ने बयान जारी कर कहा, “हमें सोशल मीडिया पर कई पोस्ट्स मिली हैं, जिनमें दावा किया गया है कि नेवार्क लिबर्टी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक भारतीय नागरिक को अमानवीय व्यवहार का सामना करना पड़ा। हम स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं और भारतीय नागरिकों के कल्याण के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हैं।”
लोगों का गुस्सा उबाल पर
कुणाल जैन के इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया। लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। कई यूजर्स ने बताया कि ऐसी घटनाएं अब आम हो चली हैं, जहां अधिकारी बिना सुनवाई के नागरिकों के साथ बदसलूकी करते हैं। कुछ ने लिखा, “हर जगह यही हाल है। अधिकारियों को किसी की परवाह नहीं।”
पहले भी हुईं ऐसी घटनाएं
यह कोई पहला मामला नहीं है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त इमिग्रेशन नीतियों के तहत सैकड़ों भारतीयों को हथकड़ियों में जकड़कर भारत वापस भेजा गया था। उन घटनाओं के वीडियो में भी लोगों को घसीटते हुए ले जाते दिखाया गया, जिसने दुनिया भर में मानवाधिकारों पर सवाल उठाए।
सपनों पर सवाल, इंसाफ की पुकार
यह घटना सिर्फ एक छात्र की कहानी नहीं, बल्कि उन लाखों सपनों की चीख है, जो बेहतर भविष्य की तलाश में विदेश की धरती पर कदम रखते हैं। भारत सरकार और दूतावास की सक्रियता से उम्मीद जगी है कि इस मामले में इंसाफ मिलेगा। लेकिन सवाल यह है—क्या ऐसी घटनाएं रुकेंगी? क्या सपने देखने वालों को इस तरह कुचला जाता रहेगा?
कुणाल जैन की अपील और वायरल वीडियो ने न सिर्फ इस घटना को उजागर किया, बल्कि दुनिया भर में मानवता और सम्मान की बहस को फिर से जिंदा कर दिया है।