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Monday, June 23, 2025

काशी बारिश के लिए तैयार नहीं, सात दिन में सात किमी सीवर लाइन की सफाई का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य!

वाराणसी, 9 जून 2025, सोमवार: वाराणसी में मानसून की दस्तक से पहले सीवर लाइनों की सफाई का काम जोरों पर है। शहर की 1100 किलोमीटर लंबी सीवर पाइपलाइनों में से 15 किमी मुख्य लाइनों की सफाई का जिम्मा जलकल विभाग के कंधों पर है। अब तक 8 किमी लाइन चमक चुकी है, लेकिन बाकी 7 किमी को साफ करने के लिए केवल सात दिन शेष हैं। समय कम है, चुनौती बड़ी है, और लक्ष्य है 15 जून तक सब कुछ दुरुस्त करना!

मानसून से पहले तेजी से सफाई अभियान

पहले मई में शुरू होने वाली नाला सफाई इस बार अप्रैल के आखिरी हफ्ते से ही शुरू हो गई। इसका मकसद है बारिश से पहले सीवर ओवरफ्लो की समस्या से काशीवासियों को निजात दिलाना। आधुनिक मशीनों की मदद से सीवर लाइनों की गहराई तक सफाई की जा रही है। जलकल विभाग वार्ड-दर-वार्ड सीवर लाइनों को चमकाने में जुटा है। इसके बाद टूटे-फूटे चैंबरों की मरम्मत और नालों के ढक्कनों को दुरुस्त करने का काम होगा। सामान्य विभाग, जलकल और स्वास्थ्य विभाग इस मिशन में कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं।

नालों की सफाई में मशीनों का जादू

शहर की 118 किमी लंबी नालों की सफाई के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है। मशीनों से सफाई का फायदा यह है कि अब नाले की तलहटी तक गंदगी साफ हो रही है, जो पहले मैनुअल सफाई में संभव नहीं था। पहले ऊपरी सतह की सफाई होती थी, जिससे नाले टूटने का खतरा भी रहता था। अब मशीनों से न तो नाले टूट रहे हैं और न ही गंदगी छूट रही है।

नगर आयुक्त का सख्त निर्देश

नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने जलकल महाप्रबंधक को साफ निर्देश दिए हैं कि सभी अवर अभियंताओं को वार्ड-वार सीवर समस्याओं का स्थायी समाधान निकालने के लिए कहा जाए। उनका कहना है कि प्राथमिकता के आधार पर काम हो, ताकि भविष्य में काशीवासियों को जलभराव जैसी परेशानी न झेलनी पड़े।

नगर विकास मंत्री का सख्त रुख

गौरतलब है कि, नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने रविवार को सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा था, “बारिश से पहले सभी नाले चमकने चाहिए। सड़कों के किनारे घास लगाएं, पाथवे बनाएं, और ठेले-खोमचों को व्यवस्थित करें।” सुपर सॉकर और बकेट मशीनों से सीवर और स्टॉर्म वॉटर ड्रेन की सफाई का आदेश दिया गया था। नालों की सफाई तीन चरणों में होगी, सिल्ट का समय पर उठान होगा, और जलभराव से बचने के लिए पंपों की व्यवस्था की जाएगी। अतिक्रमण पर नोटिस और संपत्तिकर वसूली पर भी जोर दिया गया था।

काशी को स्वच्छ और सुंदर बनाने की जंग

मंत्री ने साफ कहा था कि जनता की हर सुविधा का ध्यान रखा जाए। बारिश के मौसम को देखते हुए सभी व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त होनी चाहिए। आने वाले दिनों में इसकी फिर समीक्षा होगी। काशी अब मानसून का स्वागत स्वच्छ और व्यवस्थित रूप में करने को तैयार हो रही है। क्या यह मिशन सात दिन में पूरा होगा? यह समय और जलकल की मेहनत बताएंगे!

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