वाराणसी, 9 जून 2025, सोमवार: वाराणसी का आईएमएस बीएचयू जल्द ही एम्स जैसी विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस होने जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार ने 100 करोड़ रुपये के बजट को हरी झंडी देने की तैयारी कर ली है। इस राशि से मरीजों को अत्याधुनिक जांच, बेहतर इलाज और आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। हालांकि, बजट की पहली किस्त का इंतजार अभी बाकी है, जिसके लिए स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी (एसएफसी) का गठन किया गया है।
अगले हफ्ते दिल्ली में होने वाली एसएफसी की बैठक में इस बजट को अंतिम मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इस बैठक में न केवल फंड्स के आवंटन पर मुहर लगेगी, बल्कि आईएमएस के कायाकल्प की दिशा में एक बड़ा कदम उठेगा।
पिछले साल नवंबर में केंद्रीय शिक्षामंत्री डॉ. धर्मेंद्र प्रधान, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, एम्स निदेशक, बीएचयू के कुलपति और आईएमएस निदेशक की मौजूदगी में एक ऐतिहासिक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे। इस समझौते के बाद से ही आईएमएस में बड़े बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। इमरजेंसी मेडिसिन जैसे नए विभागों के साथ-साथ जांच और इलाज की सुविधाओं को उन्नत करने का काम जोरों पर है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मिलने वाले 100 करोड़ रुपये का इस्तेमाल अत्याधुनिक मशीनों की खरीद और मरीजों के लिए अन्य सुविधाओं को बढ़ाने में होगा। बीते 26 मई को एम्स नई दिल्ली के प्रो. संजय राय ने आईएमएस के अधिकारियों के साथ सुविधाओं के विस्तार पर गहन चर्चा की थी। अब सबकी निगाहें अगले हफ्ते होने वाली एसएफसी की बैठक पर टिकी हैं, जो आईएमएस को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का रास्ता साफ करेगी।
यह कदम न केवल वाराणसी, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के मरीजों के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं होगा, जो अब अपने शहर में ही विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।