मसूरी, 8 जून 2025, रविवार: गर्मियों का मौसम और मसूरी की ठंडी वादियों का आकर्षण हर साल लाखों पर्यटकों को खींच लाता है। लेकिन इस बार, दिल्ली से छुट्टियां मनाने आए 63 साल के कमल किशोर टंडन के लिए यह सैर मौत का सबब बन गई। मसूरी की तंग सड़कों पर लगे भीषण जाम ने उनकी जिंदगी छीन ली।
5 जून को हुई इस दिल दहलाने वाली घटना ने पर्यटन विभाग और प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठा दिए हैं। कमल किशोर टंडन अपने परिवार के साथ मोतीलाल नेहरू रोड के एक अपार्टमेंट में रुके थे। अचानक सीने में दर्द की शिकायत के बाद परिवार ने तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा को फोन किया। लेकिन उन्हें बताया गया कि देहरादून से एंबुलेंस आने में करीब एक घंटा लग सकता है।
45 मिनट का जाम बना काल
समय के साथ जंग जीतने की कोशिश में परिवार ने खुद की गाड़ी से टंडन को नजदीकी लैंडौर कम्युनिटी अस्पताल ले जाने का फैसला किया। लेकिन मसूरी की संकरी सड़कों पर पर्यटकों की गाड़ियों, टेम्पो ट्रैवलर्स और निजी वाहनों की भीड़ ने रास्ता जाम कर रखा था। पुलिस और स्थानीय लोगों ने रास्ता खाली कराने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन 45 मिनट की देरी टंडन के लिए जानलेवा साबित हुई। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
परिवार का गुस्सा, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
टंडन के भतीजे अर्जुन कपूर का गुस्सा और दर्द उनकी बातों में साफ झलक रहा था। उन्होंने कहा, “हम मसूरी में खुशियां बटोरने आए थे, लेकिन अब अपने प्रियजन का शव लेकर लौट रहे हैं। अगर प्रशासन और पर्यटन विभाग ने ट्रैफिक प्रबंधन पर ध्यान दिया होता, तो शायद यह दिन इतना दुखद न होता।” परिवार ने प्रशासन की लापरवाही को इस त्रासदी का जिम्मेदार ठहराया है।
यह घटना मसूरी जैसे लोकप्रिय हिल स्टेशन पर ट्रैफिक प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं की कमी को उजागर करती है। क्या पर्यटकों की भीड़ को संभालने के लिए प्रशासन अब कोई ठोस कदम उठाएगा, या यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा? यह सवाल अब हर उस सैलानी के मन में है, जो मसूरी की वादियों में सुकून की तलाश में आता है।