नई दिल्ली, 8 जून 2025, रविवार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी के साथ एक अहम मुलाकात में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर कड़ा और एकजुट कदम उठाने की जोरदार वकालत की। यह मुलाकात जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में और भी महत्वपूर्ण हो गई, जिसकी ब्रिटेन ने कड़े शब्दों में निंदा की।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के बयान के अनुसार, लैमी ने न केवल पहलगाम हमले की कड़ी भर्त्सना की, बल्कि सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में ब्रिटेन के अटूट समर्थन का भी आश्वासन दिया। पीएम मोदी ने इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद और इसके समर्थकों के खिलाफ ठोस और सामूहिक कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, “आतंकवाद का कोई स्थान नहीं है, और इसे जड़ से उखाड़ने के लिए वैश्विक सहयोग अनिवार्य है।”
इस मुलाकात में भारत-ब्रिटेन के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी भी चर्चा का केंद्र रही। दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और दोहरे कराधान बचाव समझौते के सफल समापन का उत्साहपूर्वक स्वागत किया। पीएम मोदी ने इस दिशा में दोनों देशों के “रचनात्मक और सहयोगात्मक” प्रयासों की सराहना की। लैमी ने रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, स्वच्छ ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने की ब्रिटेन की प्रतिबद्धता दोहराई।
पीएम मोदी ने भारत-ब्रिटेन की व्यापक रणनीतिक साझेदारी की मजबूती पर प्रकाश डाला और खास तौर पर प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल के तहत चल रहे सहयोग को सराहा। उन्होंने इसे “विश्वसनीय और सुरक्षित नवाचार तंत्र” की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। लैमी की इस दो दिवसीय यात्रा ने नई दिल्ली और लंदन के बीच राजनयिक रिश्तों को और मजबूत करने का संदेश दिया।
इस दौरान, लैमी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ भी गहन चर्चा की। जयशंकर ने भारत की आतंकवाद के प्रति “जीरो-टॉलरेंस” नीति को रेखांकित किया और वैश्विक भागीदारों से अपराधियों और पीड़ितों के बीच स्पष्ट अंतर को समझने की अपील की। उन्होंने कहा, “भारत की यह अपेक्षा है कि हमारे सहयोगी आतंकवादियों और उनके शिकार हुए लोगों को कभी एक समान न समझें।”
यह मुलाकात न केवल भारत-ब्रिटेन संबंधों की गहराई को दर्शाती है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता और सहयोग की दिशा में एक मजबूत कदम भी साबित हुई।