देहरादून, 5 जून 2025, गुरुवार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित समारोह में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को सम्मानित किया। इस दौरान सुन्दर लाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार-2025 प्रदान किए गए। सरकारी श्रेणी में नगर निगम रुद्रपुर को सम्मानित किया गया, जिसका पुरस्कार उप नगर आयुक्त शिप्रा जोशी ने ग्रहण किया। गैर-सरकारी श्रेणी में विजय जड़धारी और प्रताप सिंह पोखरियाल को यह पुरस्कार प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जागरूकता पोस्टर का विमोचन किया और इको टूरिज्म कॉर्पोरेशन द्वारा तैयार पोर्टल का लोकार्पण किया। उन्होंने उपस्थित लोगों को प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड की शपथ दिलाई और स्कूली बच्चों को कपड़े के बैग वितरित किए।

वन विभाग को फलदार वृक्ष लगाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने वन विभाग को प्रत्येक वन डिवीजन में कम से कम एक हजार फलदार वृक्ष लगाने के निर्देश दिए, ताकि जंगली जीव-जंतुओं को पर्याप्त आहार मिल सके। उन्होंने प्रदेशवासियों और यात्रियों से अपील की कि जीव-जंतुओं को ऐसी वस्तुएं न खिलाएं जो उनकी सेहत के लिए हानिकारक हों। साथ ही, जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ जैसे अवसरों पर पौधारोपण करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “ऐसे संकल्पों से ही हम पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे सकते हैं।”

उत्तराखंड: प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता का खजाना
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड घने जंगलों, पवित्र नदियों और हिमालयी ग्लेशियर्स से समृद्ध है, जो इसकी भौगोलिक पहचान है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अक्षय ऊर्जा, सोलर मिशन, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन और नमामि गंगे जैसे अभियानों की सराहना की, जो पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

हरेला और जल संरक्षण पर जोर
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार लोकपर्व हरेला को प्रकृति संरक्षण के महापर्व के रूप में मनाती है। इसके अलावा, ’स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी (सारा)’ के माध्यम से पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण किया जा रहा है। बीते एक वर्ष में 6,500 से अधिक जल स्रोतों का संरक्षण और 3.12 मिलियन घन मीटर वर्षा जल का संचयन किया गया है।

चारधाम यात्रा में कूड़ेदान अनिवार्य
चारधाम यात्रा और अन्य अवसरों पर आने वाले वाहनों में कूड़ेदान रखना अनिवार्य किया गया है। हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय खेलों को ’ग्रीन गेम्स’ थीम पर आयोजित किया गया, जिसमें मेडल और खेल किट रीसाइकल्ड सामग्री से तैयार किए गए।

उत्तराखंड कार्बन अवशोषण में अग्रणी
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशील है और देश के शीर्ष पांच कार्बन अवशोषक राज्यों में शामिल है। उन्होंने जन सहभागिता और प्लास्टिक के न्यूनतम उपयोग पर जोर दिया।

सामूहिक जिम्मेदारी पर बल
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण भी जरूरी है। इसके लिए ग्रॉस एनवायरमेंट प्रोडक्ट की अवधारणा लागू की गई है। उन्होंने पर्यावरण और जल संरक्षण को सामूहिक जिम्मेदारी बताया।
इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, शासन, पुलिस और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।