वाराणसी, 5 जून 2025, गुरुवार: वाराणसी के जंसा कस्बा पुलिस चौकी में बुधवार को जमीन के झगड़े ने ऐसा तूफान मचाया कि नजारा किसी मसाला फिल्म से कम नहीं था! सेवापुरी इलाके में 47 बिस्वा जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच पंचायत बुलाई गई थी, लेकिन बातचीत की जगह मारपीट और हंगामा ने सारी सुर्खियां बटोर लीं। चौकी इंचार्ज की वर्दी फट गई, नेमप्लेट उखाड़ दी गई, और एक महिला वकील के साथ अभद्रता का आरोप भी सामने आया। आखिरकार, थाने पर अधिवक्ताओं का धरना और पुलिस की गिरफ्तारी ने इस ड्रामे को और रंगीन बना दिया।
कहानी की शुरुआत: जमीन का झमेला
बात शुरू होती है परमंदापुर गांव के सुरेंद्र पटेल से, जिनके परिवार की 47 बिस्वा जमीन में से 39 बिस्वा का एग्रीमेंट एक कॉलोनाइजर के साथ हुआ था। कॉलोनाइजर ने इस जमीन पर बाउंड्री वॉल खड़ी करनी शुरू की, लेकिन सुरेंद्र को यह बात रास नहीं आई। उन्होंने न सिर्फ निर्माण रुकवाया, बल्कि बन चुकी दीवार को भी ढहा दिया। बस, यहीं से मामला गर्माया! कॉलोनाइजर की तरफ से राहुल पटेल ने पुलिस को शिकायत की, और दोनों पक्षों को जंसा चौकी पर पंचायत के लिए बुलाया गया।
पंचायत से शुरू हुआ तमाशा
चौकी पर सुरेंद्र पटेल और कॉलोनाइजर के पक्ष से उनके ही परिवार के जय प्रकाश पटेल पहुंचे। चौकी इंचार्ज आयुष ओझा ने दोनों पक्षों को शांतिपूर्वक बैठाकर बातचीत शुरू कराई। लेकिन तभी, जैसे ही आयुष का फोन बजा, माहौल ने यू-टर्न ले लिया। जय प्रकाश और सुरेंद्र आपस में भिड़ गए। आयुष ने बीचबचाव की कोशिश की, लेकिन जय प्रकाश ने गुस्से में उनकी नेमप्लेट उखाड़ दी और वर्दी फाड़ दी। इतना ही नहीं, हाथापाई की नौबत तक आ गई! उधर, जय प्रकाश का दावा है कि उल्टा आयुष ने उन्हें पीटकर घायल कर दिया। अब ये तो जांच का विषय है कि असल में पिटा कौन और मारा किसने!
महिला वकील का गुस्सा और थाने पर हंगामा
जय प्रकाश की वकील मुस्कान पटेल जब चौकी पहुंचीं, तो मामला और बिगड़ गया। उन्होंने आरोप लगाया कि आयुष और अन्य पुलिसकर्मियों ने उनके साथ अभद्रता की। गुस्से में मुस्कान ने अपने साथी अधिवक्ताओं को बुलाया और जंसा थाने का घेराव कर डाला। थाने के बाहर नारेबाजी और प्रदर्शन ने माहौल को और गरमा दिया। आखिरकार, एसीपी राजातालाब अजय कुमार श्रीवास्तव को मौके पर पहुंचना पड़ा। उन्होंने अधिवक्ताओं को शांत कराया और कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
क्या हुआ नतीजा?
पुलिस ने सुरेंद्र और जय प्रकाश को शांतिभंग के आरोप में हिरासत में ले लिया। जमीन विवाद को सुलझाने के लिए एसडीएम राजातालाब को पत्र भेजा जाएगा। साथ ही, अधिवक्ताओं की शिकायत की जांच जंसा थानाध्यक्ष को सौंपी गई है।
क्या है असल मसला?
यह पूरा ड्रामा जमीन के उस टुकड़े के इर्द-गिर्द घूमता है, जो परिवार के भीतर ही विवाद का कारण बन गया। एक तरफ कॉलोनाइजर की बाउंड्री वॉल, दूसरी तरफ सुरेंद्र का दावा, और बीच में फंसी पुलिस की वर्दी! अब देखना यह है कि जांच में क्या निकलता है और यह जमीन का झगड़ा कब तक सुलझता है।