लाचेन, 4 जून 2025, बुधवार: उत्तरी सिक्किम में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण उत्पन्न आपदा के बीच भारतीय सेना विपरीत परिस्थितियों में भी राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। खराब मौसम और खतरनाक भूभाग की चुनौतियों के बावजूद सेना ने फंसे हुए पर्यटकों और स्थानीय निवासियों की सहायता के लिए कमर कस ली है। पर्यटन का प्रमुख केंद्र लाचेन गांव भूस्खलन के कारण पूरी तरह कट गया था, लेकिन सेना ने पैदल संपर्क स्थापित कर मलबे में फंसे पर्यटकों तक पहुंच बनाई है। जल्द ही उनकी सुरक्षित निकासी की उम्मीद है।
सेना के अथक प्रयासों का परिणाम है कि 3 जून को सैन्य हेलीकॉप्टरों के जरिए 30 पर्यटकों को, जिनमें कुछ विदेशी नागरिक भी शामिल थे, सुरक्षित एयरलिफ्ट किया जा चुका है। हालांकि, चाटन में एक सैन्य शिविर पर हुए भूस्खलन के बाद छह लोग अभी भी लापता हैं। लापता व्यक्तियों में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रीतपाल सिंह संधू, सूबेदार धर्मवीर, नायक सुनीललाल मुछाहारी, सिपाही सैनुद्दीन पीके, स्क्वाड्रन लीडर आरती संधू (सेवानिवृत्त) और उनकी बेटी अमायरा संधू शामिल हैं।
सेना ने लापता लोगों का पता लगाने के लिए विशेष टीमें और इंजीनियरिंग उपकरण तैनात किए हैं। उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अस्थिर जमीन और खराब मौसम बचाव कार्य में बड़ी बाधा बन रहे हैं। इसके बावजूद, भारतीय सेना का साहस और समर्पण बरकरार है। सेना के जवान दिन-रात राहत कार्य में जुटे हैं, ताकि हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचाई जा सके।
स्थानीय प्रशासन और सेना के बीच समन्वय से राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता भी प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाई जा रही है। सेना के इस अभियान की स्थानीय लोग और पर्यटक जमकर सराहना कर रहे हैं। जैसे-जैसे मौसम में सुधार होगा, बचाव कार्य और तेज होने की उम्मीद है।