लखनऊ, 4 जून 2025, बुधवार: उत्तर प्रदेश में 2027 का विधानसभा चुनाव अभी भले ही दूर हो, लेकिन कांग्रेस ने अभी से जंग का बिगुल बजा दिया है! पार्टी ने नया मंत्र दे दिया है: पंचायत में जीत, विधायकी का टिकट! यानी, जो कार्यकर्ता पंचायत चुनाव में धमाल मचाएगा, वह 2027 में विधानसभा का टिकट पक्का कर सकता है। कांग्रेस ने यूपी की सभी 403 सीटों पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं और संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए कमर कस ली है। आइए, इस धमाकेदार रणनीति को और करीब से देखें, जिसमें बूथ से लेकर ब्लॉक तक, हर स्तर पर गेम प्लान तैयार है!
संगठन सृजन: 100 दिन में बूथ से बनेगी बुलंदी
कांग्रेस का ‘संगठन सृजन अभियान’ किसी सुपरहिट फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं! अगले 100 दिनों में पार्टी यूपी की 403 विधानसभा सीटों को A, B और C तीन श्रेणियों में बांटकर बूथ स्तर तक अपनी जड़ें मजबूत करेगी। डिजिटल डेटा, जातीय समीकरण, और स्थानीय फीडबैक के दम पर माइक्रो-प्लानिंग का जादू चलेगा। सोशल मीडिया पर धारदार नैरेटिव, जनसंपर्क की धूम, और बूथ-ब्लॉक-जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं की फौज तैयार होगी। 15 जून तक ब्लॉक और वार्ड अध्यक्षों की नियुक्ति हो जाएगी, जबकि जिला और शहर कमेटियां पहले ही एक्शन में आ चुकी हैं। जल्द ही प्रदेश कार्यसमिति भी तैयार होगी। ये है कांग्रेस का ‘पावर-पैक’ संगठन प्लान!
कौन बनेगा टिकट का सिकंदर?
कांग्रेस ने साफ कर दिया है- टिकट अब सिफारिश या रसूख से नहीं, मेहनत और जनसमर्थन से मिलेगा! पंचायत चुनाव में जो कार्यकर्ता जीत का परचम लहराएगा या पार्टी को मजबूत करने में जुटेगा, उसे 2027 में विधानसभा का टिकट थमा दिया जाएगा। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने इसे “संगठन आधारित उम्मीदवार चयन” का मंत्र बताया है। यानी, जो जमीनी स्तर पर मेहनत करेगा, वही मैदान में उतरेगा। हर जिले में संगठन सृजन कोऑर्डिनेटर नियुक्त होंगे, जो हर सीट की पल-पल की अपडेट देंगे। सीनियर लीडर्स, पूर्व सांसद, और विधायक भी इस मिशन में जुटे हैं।
पंचायत चुनाव: ताकत का लिटमस टेस्ट
कांग्रेस इस बार पंचायत चुनाव में अकेले ताल ठोक रही है। अजय राय का कहना है, “पंचायत चुनाव हमारी ताकत का आईना होंगे।” यह सिर्फ लोकल नेटवर्किंग का मौका नहीं, बल्कि 2027 के लिए उम्मीदवारों की फौज तैयार करने का मास्टरस्ट्रोक है। पंचायत चुनाव में जीत और संगठन को मजबूत करने वाले कार्यकर्ता सीधे विधानसभा टिकट की रेस में सबसे आगे होंगे। ये रणनीति न सिर्फ कार्यकर्ताओं में जोश भरेगी, बल्कि पार्टी की जमीनी ताकत को भी परखेगी।
403 सीटों पर नजर, गठबंधन का फैसला बाद में
कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह सभी 403 सीटों पर संगठन को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। सपा के साथ गठबंधन होगा या नहीं, ये फैसला शीर्ष नेतृत्व लेगा। लेकिन फिलहाल, पार्टी का फोकस हर सीट पर बूथ-स्तरीय नेटवर्क तैयार करने पर है। अजय राय का कहना है, “हम पंचायत चुनाव में अपनी ताकत दिखाएंगे और 2027 के लिए मजबूत फाउंडेशन बनाएंगे।” पंचायत चुनाव से न सिर्फ पार्टी की ताकत-कमजोरी का पता चलेगा, बल्कि विधानसभा के लिए संभावित चेहरों की लिस्ट भी तैयार हो जाएगी।
2024 की जीत को 2027 की उड़ान में बदलने का प्लान
2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यूपी में 6 सीटें जीतीं और 9 पर नंबर-2 रही। यानी 15 सीटों पर उसने जबरदस्त टक्कर दी। अब पार्टी का टारगेट है 2027 में 40-50 सीटों पर धमाकेदार प्रदर्शन। इसके लिए 5-स्तरीय नेटवर्क तैयार किया जा रहा है, जो हर समय एक्टिव रहेगा। दलित, पिछड़ा, और युवा वोटरों पर खास फोकस है, ताकि हर वर्ग तक कांग्रेस की आवाज पहुंचे।
सपा के साथ गठबंधन: बराबरी की जंग
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने दम ठोककर कहा, “2027 में सपा के साथ गठबंधन में बराबरी की बात होगी। 50-50 का फॉर्मूला चाहिए!” उनका कहना है कि 2024 का 17-63 का गठबंधन फॉर्मूला अब पुराना पड़ चुका है। दूसरी ओर, सपा ने कांग्रेस को ज्यादा से ज्यादा 35-40 सीटें देने का संकेत दिया है। लेकिन कांग्रेस 100 से कम सीटों पर समझौता करने को तैयार नहीं। यही वजह है कि पंचायत चुनाव में ताकत दिखाकर कांग्रेस सपा पर रणनीतिक दबाव बनाना चाहती है। बिहार विधानसभा चुनाव भी इस गठबंधन की कहानी में ट्विस्ट ला सकता है। अगर वहां कांग्रेस मजबूत प्रदर्शन करती है, तो यूपी में सपा को उसकी मांगों के आगे झुकना पड़ सकता है।
कांग्रेस का नया नारा: जमीनी मेहनत, जनता का भरोसा
कांग्रेस का 2027 का प्लान सिर्फ चुनाव जीतने का नहीं, बल्कि यूपी में जमीनी स्तर पर एक मजबूत संगठन खड़ा करने का है। पंचायत चुनाव से लेकर बूथ-स्तरीय माइक्रो-प्लानिंग तक, पार्टी हर कदम पर नई ऊर्जा के साथ उतर रही है। कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाना, जनता के मुद्दों को धार देना, और एक मजबूत नेटवर्क तैयार करना- यही है कांग्रेस का ‘मिशन यूपी 2027’। अब देखना ये है कि क्या ये रणनीति यूपी की सियासत में कांग्रेस को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी, या फिर सपा के साथ गठबंधन का गणित इसे नया मोड़ देगा!