लखनऊ, 3 जून 2025, मंगलवार: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को लोक भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में विकास और रोजगार को बढ़ावा देने वाले कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल 11 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें से 10 को मंजूरी दी गई। इन निर्णयों में औद्योगिक विकास, पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षण, पर्यटन को प्रोत्साहन और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करने जैसे कदम शामिल हैं। यह बैठक राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित होने की उम्मीद है।
औद्योगिक विकास को गति: हल्दीराम और अन्य कंपनियों को प्रोत्साहन
औद्योगिक विकास विभाग ने राज्य में निवेश और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किए, जिन्हें कैबिनेट ने स्वीकार किया। खाद्य और स्नैक्स उद्योग की दिग्गज कंपनी हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड को नई यूनिट स्थापित करने के लिए लेटर ऑफ कंफर्ट जारी करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया। यह कदम उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को और मजबूत करेगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
इसके अलावा, एसएलएमजी बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड (बाराबंकी), सिल्वर्टन पल्प एंड पेपर प्राइवेट लिमिटेड (मुजफ्फरनगर), एसीसी लिमिटेड, वंडर सीमेंट लिमिटेड (अलीगढ़), और मून बेवरेज (हापुड़) जैसी कंपनियों को औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 के तहत वित्तीय प्रोत्साहन राशि प्रदान करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने बताया कि इन्वेस्ट यूपी के तहत ये प्रस्ताव धरातल पर उतर रहे हैं, जिससे राज्य में औद्योगिक गतिविधियां तेज होंगी और हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।
पूर्व अग्निवीरों के लिए बड़ा तोहफा: पुलिस और पीएसी में 20% आरक्षण
कैबिनेट ने देश की सेवा करने वाले पूर्व अग्निवीरों के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। यूपी पुलिस आरक्षी, पीएसी आरक्षी, घुड़सवार, और फायरमैन की सीधी भर्ती में 20% पदों पर ‘होरिजेंटल’ आरक्षण देने का प्रस्ताव मंजूर किया गया। इसके साथ ही, अग्निवीरों को भर्ती में 3 वर्ष की आयु सीमा में छूट भी प्रदान की जाएगी। यह निर्णय न केवल अग्निवीरों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि युवाओं को सुरक्षा बलों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित भी करेगा।
पर्यटन को बढ़ावा: बेड एंड ब्रेकफास्ट होम स्टे नीति
पर्यटन विभाग के तहत उत्तर प्रदेश बेड एंड ब्रेकफास्ट होम स्टे नीति को मंजूरी दी गई, जो विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। इस नीति के तहत, धार्मिक स्थानों पर आने वाले पर्यटकों को सुविधाजनक और किफायती आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। नीति के अनुसार, अधिकतम 6 कमरों और 12 बेड वाले आवास को होम स्टे के रूप में मान्यता दी जाएगी, जहां पर्यटक अधिकतम 7 दिनों तक ठहर सकेंगे।
होम स्टे के चयन और संचालन के लिए जिलाधिकारी (डीएम) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी, जो गुणवत्ता और मानकों को सुनिश्चित करेगी। यह नीति न केवल पर्यटकों को बेहतर अनुभव प्रदान करेगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत भी बनेगी।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूती
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। इस पहल का उद्देश्य राशन वितरण प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और सुगम बनाना है। अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण से राशन की दुकानों का संचालन व्यवस्थित होगा, जिससे गरीब और जरूरतमंद लोगों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण राशन उपलब्ध हो सकेगा।
शिक्षा क्षेत्र में तीन अहम प्रस्तावों को हरी झंडी
शिक्षा विभाग के तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी। हालांकि, इन प्रस्तावों का विस्तृत विवरण अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि ये प्रस्ताव उच्च शिक्षा, बुनियादी शिक्षा, और शैक्षिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने से संबंधित हैं। शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है, और ये निर्णय उसी दिशा में एक कदम हैं।
प्रेस वार्ता में दी गई जानकारी
मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद प्रेस वार्ता में कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने बताया कि ये निर्णय उत्तर प्रदेश को विकास के पथ पर और तेजी से ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि योगी सरकार का लक्ष्य राज्य को औद्योगिक, शैक्षिक, और पर्यटन हब के रूप में स्थापित करना है।
विकास की नई राह
योगी आदित्यनाथ सरकार की यह कैबिनेट बैठक उत्तर प्रदेश के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। औद्योगिक निवेश से रोजगार सृजन, अग्निवीरों को आरक्षण से युवाओं का सशक्तिकरण, होम स्टे नीति से पर्यटन को बढ़ावा, और अन्नपूर्णा भवनों से राशन वितरण को मजबूती—ये सभी निर्णय राज्य की प्रगति और जनकल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। उत्तर प्रदेश अब न केवल देश का सबसे बड़ा राज्य है, बल्कि यह विकास और अवसरों का एक नया केंद्र भी बन रहा है।