मुंबई, 2 जून 2025, सोमवार: महाराष्ट्र सरकार ने गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहारा देने के लिए लाडकी बहिन योजना शुरू की थी, लेकिन इस नेक पहल में बड़ा घपला सामने आया है। हैरानी की बात यह है कि इस योजना का लाभ उन सरकारी महिला कर्मचारियों ने भी उठाया, जो पहले से ही अच्छी-खासी कमाई कर रही थीं। अब सरकार ने इस गड़बड़ी पर सख्त रुख अपनाते हुए ऐसी महिलाओं से पैसे वापस वसूलने का फैसला किया है।
योजना का मकसद और गड़बड़ी की सच्चाई
लाडकी बहिन योजना का उद्देश्य था आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की वित्तीय मदद देकर उन्हें सशक्त बनाना। इसका फायदा उन महिलाओं को मिलना था, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है और जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं। लेकिन जांच में खुलासा हुआ कि 2,652 सरकारी महिला कर्मचारियों ने नियमों को ताक पर रखकर इस योजना का लाभ हड़प लिया। इन महिलाओं ने अगस्त 2024 से अप्रैल 2025 तक करीब 13,500 रुपये प्रति महिला की राशि हासिल की, जिसका कुल आंकड़ा 3.58 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
सरकार का सख्त रुख: वसूली और कार्रवाई
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने दो टूक कहा, “सरकारी नौकरी वाली महिलाओं को इस योजना का लाभ लेने का कोई हक नहीं था। अब उनसे राशि वसूल की जाएगी।” कई सरकारी विभागों ने वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी है, और बाकी विभागों को जल्द ही निर्देश जारी किए जाएंगे। सरकार ने इसे सेवा आचरण का गंभीर उल्लंघन माना है और दोषी कर्मचारियों को स्वेच्छा से राशि लौटाने या कानूनी कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी है।
कैसे पकड़ा गया फर्जीवाड़ा?
सामान्य प्रशासन विभाग ने IT विभाग और UID (आधार) आधारित सत्यापन के जरिए कर्मचारियों के डेटा की गहन जांच की। अब तक 1.2 लाख कर्मचारियों की जांच पूरी हो चुकी है, जिसमें 2,656 महिला कर्मचारी फर्जी लाभार्थी पाई गईं। अभी भी 6 लाख कर्मचारियों की जांच बाकी है, जिससे यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। इसके अलावा, 7.7 लाख ऐसी महिलाओं के भुगतान पर रोक लगा दी गई है, जो लाडकी बहिन योजना के साथ-साथ नमो शेतकरी योजना का लाभ भी ले रही थीं।
कौन ले सकता है योजना का लाभ?
लाडकी बहिन योजना का लाभ केवल उन महिलाओं को मिलना है, जो:
उम्र: 21 से 65 वर्ष के बीच हों।
आय सीमा: परिवार की सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम हो।
पात्रता: विवाहित, अविवाहित, तलाकशुदा, विधवा, परित्यक्त, या निराश्रित महिलाएं।
शर्त: सरकारी कर्मचारी नहीं होनी चाहिए।
इस योजना का लक्ष्य है महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करना, उनके स्वास्थ्य और पोषण में सुधार लाना। लेकिन सरकारी कर्मचारियों द्वारा इसका दुरुपयोग गरीब महिलाओं के हक पर डाका बन गया।