नई दिल्ली, 1 जून 2025, रविवार: मणिपुर में बाढ़ ने तबाही मचा दी, लेकिन भारतीय सेना और असम राइफल्स के जांबाजों ने अपनी बहादुरी और तत्परता से मानवता की मिसाल कायम की। डिप्टी कमिश्नर के आग्रह पर तुरंत हरकत में आई इन टुकड़ियों ने ऑपरेशन जल राहत-2 शुरू किया, जिसने सैकड़ों लोगों की जिंदगियां बचाईं। इम्फाल पूर्व और पश्चिम के सबसे प्रभावित इलाकों—पोरोम्पट, वानखेई, संजेनथोंग, पैलेस कंपाउंड, न्यू चेकॉन, खुरई, हेइक्रमाखोंग, सोइबाम लेइकाई, वांगखेई अंगोम लेइकाई और नोंग्मेइबुंग राज बारी—में असम राइफल्स के जवान तुरंत पहुंचे और राहत कार्यों में जुट गए।

इस अभियान में दो विशेष बचाव टुकड़ियों ने कमाल दिखाया। सिंगजामेई में पहली टुकड़ी ने वांगखेई खुनौ में जोखिम भरे हालातों में 193 लोगों को सुरक्षित निकाला, जिनमें 85 महिलाएं और 44 बच्चे शामिल थे। दूसरी टुकड़ी ने हेइक्रमाखोंग में अपनी जान जोखिम में डालकर 182 लोगों को बचाया, जिनमें 90 महिलाएं और 57 बच्चे थे। इसके अलावा, इम्फाल पूर्व और पश्चिम के अन्य इलाकों से 408 और लोगों को सुरक्षित निकाला गया, जिनमें 179 महिलाएं, 92 बच्चे और 10-20 दिव्यांग व वृद्ध व्यक्ति शामिल थे। कुल मिलाकर, लगभग 800 लोगों को बाढ़ के चंगुल से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

बचाव के साथ-साथ, जवानों ने पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाई। पेयजल, भोजन के पैकेट और असम राइफल्स के स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई गई। एक मार्मिक घटना में, खुरई से लापता बच्चों की सूचना मिलते ही सैनिकों ने तुरंत सर्च ऑपरेशन शुरू किया और दोपहर तक बच्चों को सुरक्षित बचा लिया। सुबह-सुबह, आकाशवाणी निदेशक के अनुरोध पर असम राइफल्स ने इम्फाल के ऑल इंडिया रेडियो कार्यालय को खाली कराया, जहां भारी जलभराव के कारण कर्मचारियों और महत्वपूर्ण उपकरणों को तुरंत स्थानांतरित करना जरूरी था।

अब स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन असम राइफल्स और भारतीय सेना का समर्पण अटल है। इस संकट की घड़ी में मणिपुर के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े ये जवान सच्चे नायक हैं, जो अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों की जिंदगी बचा रहे हैं।