जौनपुर, 31 मई 2025, शनिवार। जौनपुर के जिला अस्पताल में हंगामा और हिंसा का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां शुक्रवार रात करीब नौ बजे एक दर्जन से ज्यादा किन्नरों ने अस्पताल में तांडव मचा दिया। अर्द्धनग्न अवस्था में पहुंचे किन्नरों ने डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ पर हमला बोल दिया, जिससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। सायरन की आवाज गूंजने लगी, मरीज और उनके तीमारदार दहशत में आ गए, और पूरे अस्पताल में भय का माहौल छा गया।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने इस घटना की भयावह तस्वीर को सामने ला दिया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि किन्नर डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को दौड़ा-दौड़ाकर पीट रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि यह सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ, फिर भी हमलावरों का दुस्साहस कम नहीं हुआ। खास तौर पर नर्सिंग ऑफिसर डॉ. आशीष सिंह को निशाना बनाया गया। वीडियो में दिख रहा है कि किन्नर टेबल पर चढ़कर उन्हें बेरहमी से पीट रहे हैं। पानी की बोतल, लात-घूंसे और हर संभव तरीके से उनकी पिटाई की गई। डॉ. आशीष किसी तरह भागकर अपनी जान बचाने की कोशिश करते दिखे, लेकिन बाहर मौजूद अन्य किन्नरों ने उन्हें घेर लिया और फिर से मारपीट शुरू कर दी।
डॉ. आशीष ने बताया कि उनकी ड्यूटी रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक थी। उस दौरान एक मरीज का इलाज चल रहा था, तभी कुछ लोग एक महिला का मेडिकल मुआयना कराने के लिए आए। जब उन्हें नियमों के तहत बाहर जाने को कहा गया, तो वे नाराज हो गए और फर्जी मुआयने का दबाव बनाने लगे। बात नहीं बनी तो वे चले गए, लेकिन थोड़ी देर बाद दर्जनभर किन्नरों के साथ लौट आए और गला दबाकर जान से मारने की धमकी देने लगे। इस हमले में डॉ. आशीष को गंभीर चोटें आईं।
इस घटना ने जौनपुर के अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित डॉक्टरों और स्टाफ की शिकायत पर पुलिस ने नगर कोतवाली में तहरीर दर्ज कर ली है और अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने न केवल अस्पताल स्टाफ को डरा दिया है, बल्कि मरीजों और उनके परिजनों में भी दहशत फैल गई है।
पुलिस अब इस मामले में सख्त कार्रवाई का दावा कर रही है, लेकिन सवाल यह है कि क्या इस तरह की घटनाओं से अस्पतालों में डॉक्टरों और स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी? यह घटना न केवल जौनपुर, बल्कि पूरे सिस्टम के लिए एक चेतावनी है।