वाराणसी, 30 मई 2025, शुक्रवार: काशी, जो केवल एक शहर नहीं, बल्कि विश्व की सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत प्रतीक है, अब पर्यटन के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचने को तैयार है। केंद्रीय पर्यटन सचिव वी. विद्यावती ने शुक्रवार को वाराणसी में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में काशी को वैश्विक पर्यटन के केंद्र के रूप में स्थापित करने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा, “काशी का प्राचीन इतिहास, आध्यात्मिकता और कलात्मक समृद्धि इसे विश्व में अनूठा बनाती है। हम इसे ऐसी नगरी बनाएंगे, जहां हर पर्यटक को एक अविस्मरणीय अनुभव मिले।”
काशी में बदलाव की नई लहर
वी. विद्यावती ने अगले दो महीनों में काशी में ठोस बदलाव लाने का निर्देश दिया। इसके लिए 16 से 20 प्रमुख स्थानों, जैसे विश्वप्रसिद्ध मंदिर, गंगा घाट, सारनाथ और कनेक्टिविटी पॉइंट्स को चुना गया है। इन स्थानों का सौंदर्यीकरण, बेहतर सड़कें, बिजली, जल आपूर्ति और परिवहन सुविधाएं (रिंग रोड, एयरपोर्ट कनेक्टिविटी, नाव सेवाएं) सुनिश्चित की जाएंगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये बदलाव न केवल तात्कालिक होंगे, बल्कि दीर्घकालिक और सतत विकास को बढ़ावा देंगे।
योग, आयुर्वेद और वेलनेस का वैश्विक केंद्र
प्रदेश के प्रमुख सचिव (पर्यटन) मुकेश कुमार मेश्राम ने काशी को योग, वेलनेस, नेचुरोपैथी और आयुर्वेद चिकित्सा का वैश्विक केंद्र बनाने की योजना को रेखांकित किया। इसके लिए सरकारी आर्थिक सहायता का आश्वासन देते हुए उन्होंने अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया। साथ ही, काशी को आसपास के क्षेत्रों, जैसे चंदौली के इको-पर्यटन स्थल, विंध्य क्षेत्र, मां विंध्यवासिनी मंदिर, चुनार का ऐतिहासिक किला और सोनभद्र के प्राचीन फॉसिल पार्क से जोड़ने की योजना बनाई गई। यह कदम काशी को एक व्यापक पर्यटन सर्किट का हिस्सा बनाएगा।
गंगा घाटों की कहानियां अब डिजिटल स्वर में
जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने गंगा घाटों की पौराणिक कथाओं को डिजिटल ऑडियो कंटेंट के रूप में संरक्षित करने का सुझाव दिया। इससे नावों पर सवार पर्यटकों को काशी की गौरवशाली कहानियां सुनने का अनूठा अनुभव मिलेगा। साथ ही, फूड आउटलेट्स के लिए स्वच्छता मानकों को लागू करने और सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन करने की बात कही गई। स्थानीय हस्तशिल्प, बनारसी साड़ी, लकड़ी के खिलौनों और कलाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रशिक्षण और सुविधाओं को बेहतर करने पर भी जोर दिया गया।
आध्यात्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयां
बैठक में आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया। मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने काशी को वैश्विक पर्यटन नक्शे पर एक चमकते सितारे के रूप में स्थापित करने के लिए सभी संभव प्रयासों की चर्चा की। इस दौरान घाटों की स्वच्छता, सौंदर्यीकरण और पर्यटकों की सुगमता के लिए परिवहन सुविधाओं पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
सामूहिक प्रयासों का संकल्प
बैठक में नगर आयुक्त अक्षत वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्वभूषण मिश्रा, रेलवे और पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। सभी ने एक स्वर में काशी को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
काशी अब केवल एक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि एक ऐसी सांस्कृतिक नगरी बनने जा रही है, जो विश्व भर के पर्यटकों के दिलों में अपनी अमिट छाप छोड़ेगी।