नई दिल्ली, 28 मई 2025, बुधवार। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर विनायक दामोदर सावरकर की 142वीं जयंती पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की, और देश को उनके बलिदान और समर्पण की वह गाथा याद दिलाई, जो आज भी हर भारतीय के दिल में जोश की ज्वाला जलाती है। “सावरकर माने तेज, माने त्याग, माने तप और तर्क। वे तीर थे, जो अन्याय को भेदते थे, और तलवार, जो स्वतंत्रता की राह खोलती थी,” पीएम मोदी ने गर्व भरे शब्दों में कहा।
मोदी का संदेश: सावरकर का जीवन, विकसित भारत का प्रेरणा-स्रोत
पीएम मोदी ने सावरकर को भारत माता का सच्चा सपूत बताते हुए कहा कि विदेशी हुकूमत की अमानवीय यातनाएं भी उनके अटूट संकल्प को डिगा न सकीं। “आजादी के आंदोलन में सावरकर जी का साहस और संघर्ष कृतज्ञ राष्ट्र के लिए एक अमर गाथा है। उनका त्याग हमें विकसित भारत के निर्माण का मार्ग दिखाता है,” मोदी ने जोर देकर कहा।
सावरकर के व्यक्तित्व की बहुआयामी छवि को रेखांकित करते हुए पीएम ने बताया कि वे शस्त्र और शास्त्र, दोनों के उपासक थे। “संवेदनशील कवि के रूप में उनकी लेखनी ने देशवासियों के दिलों में स्वतंत्रता की चिंगारी जलाई, तो क्रांतिकारी के रूप में उनकी हुंकार ने अंग्रेजों को बेचैन किया। सावरकर ने 1857 की क्रांति को पहली स्वतंत्रता संग्राम का गौरव दिया। यह उनकी दूरदृष्टि थी, जिसने इतिहास को नया अर्थ दिया,” पीएम ने गर्व से कहा।
सेलुलर जेल: सावरकर की तपोभूमि, मोदी की श्रद्धा
पीएम मोदी ने सेलुलर जेल का जिक्र करते हुए भावुक अंदाज में कहा, “इस पवित्र भूमि पर कदम रखते ही मन में एक अलग ही कंपन जागता है। वह कोठरी, जहां सावरकर जैसे वीरों ने सालों तक यातनाएं सहीं, वह कोई साधारण स्थान नहीं—यह स्वतंत्रता का तीर्थ है।” उन्होंने कहा कि सावरकर की हर सांस में मातृभूमि का प्रेम था, हर धड़कन में भारत के स्वर्णिम भविष्य का सपना। “उनके बलिदान की कहानी पढ़ते ही आंखों के सामने वह दृश्य जीवंत हो उठता है, जो हमें सिखाता है कि सच्चाई और साहस के आगे कोई बेड़ियां नहीं टिकतीं।”
मोदी का आह्वान: सावरकर के सपनों का भारत बनाएं
पीएम मोदी ने देशवासियों से सावरकर के सपनों को साकार करने का आह्वान किया। “उनका जीवन एक ऐसी कविता है, जिसमें हर शब्द स्वतंत्रता की गूंज है, और हर पंक्ति बलिदान की महक। आइए, उनके साहस और समर्पण से प्रेरणा लेकर हम एक मजबूत, स्वाभिमानी, और समृद्ध भारत का निर्माण करें,” उन्होंने कहा। सावरकर की जयंती पर पीएम मोदी की यह श्रद्धांजलि न केवल उनके बलिदान को नमन है, बल्कि एक नई प्रेरणा है—एक ऐसे भारत की, जो सावरकर के सपनों को साकार करे।