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Thursday, June 26, 2025

जस्टिस वर्मा पर महाभियोग की तलवार, मॉनसून सत्र में हलचल की तैयारी!

नई दिल्ली, 28 मई 2025, बुधवार। दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। उनके सरकारी आवास पर नकदी मिलने के सनसनीखेज मामले ने तूल पकड़ा है, और अब सरकार आगामी मॉनसून सत्र में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की योजना बना रही है। यह कदम सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय समिति द्वारा जज पर लगे आरोपों को गंभीर और ठोस पाए जाने के बाद सामने आया है।

मामला तब और गर्मा गया, जब सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस (सीजेआई) संजीव खन्ना ने महाभियोग की सिफारिश की। रिपोर्ट के मुताबिक, 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास पर आग लगने की घटना के बाद वहां भारी मात्रा में नकदी मिलने से हड़कंप मच गया था। इस घटना की जांच के लिए 22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने एक उच्चस्तरीय पैनल बनाया, जिसमें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधवालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अनु शिवरामन शामिल थे। इस पैनल ने 3 मई को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें जस्टिस वर्मा को दोषी ठहराया गया।

रिपोर्ट्स के अनुसार, तत्कालीन सीजेआई ने जांच के निष्कर्षों के साथ महाभियोग की सिफारिश राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी। जस्टिस वर्मा से इस्तीफे की मांग की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। इसके बाद 20 मार्च को उनका तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट कर दिया गया, हालांकि उन्हें वहां कोई नया कामकाज नहीं सौंपा गया।
अब खबर है कि राष्ट्रपति ने सीजेआई की सिफारिश को राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को भेजा है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने की पूरी तैयारी है। इसके लिए लोकसभा में कम से कम 100 और राज्यसभा में 50 सांसदों का समर्थन जरूरी होगा। प्रस्ताव को दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से पारित करना होगा, जिसके लिए सरकार विपक्षी दलों को भी विश्वास में लेने की कोशिश कर रही है।

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ चर्चा कर सकते हैं। मॉनसून सत्र में यह मामला संसद में जोर-शोर से उठने की संभावना है, और सभी की निगाहें इस हाई-प्रोफाइल मामले पर टिकी हैं। क्या जस्टिस वर्मा इस तूफान का सामना कर पाएंगे, या संसद का फैसला उनके करियर पर अंतिम मुहर लगाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा!

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