नई दिल्ली, 26 मई 2025, सोमवार। भारत में इन दिनों मौसम के मिजाज कुछ बदले-बदले से हैं। जहां एक ओर गर्मी का प्रकोप अपने चरम पर है, वहीं दूसरी ओर प्री-मानसून बारिश और आंधी-तूफान ने मौसम को अप्रत्याशित बना दिया है। खास तौर पर नौतपा, जो आमतौर पर तीखी गर्मी के लिए जाना जाता है, इस बार दिल्ली-एनसीआर समेत कई इलाकों में बेअसर साबित हो रहा है। आइए, मौसम के इस अनोखे रंग को करीब से समझें।
दिल्ली-एनसीआर में बूंदाबांदी, नौतपा की गर्मी गायब
दिल्ली-एनसीआर में लगातार दूसरे दिन नौतपा का असर फीका रहा। नोएडा, गाजियाबाद और आसपास के इलाकों में सुबह-सुबह हल्की बूंदाबांदी ने मौसम को सुहाना बना दिया। मौसम विभाग के दिल्ली केंद्र के अनुसार, आज भी बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश की संभावना है। हालांकि, अधिकतम तापमान 41-43 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है, जो गर्मी की मौजूदगी को दर्शाता है। यह मौसमी बदलाव नौतपा की परंपरागत तपिश को चुनौती दे रहा है।
मानसून की दस्तक, तटीय इलाकों में बारिश का दौर
मौसम विभाग ने पुष्टि की है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल में अपनी एंट्री कर ली है। इसके साथ ही केरल, महाराष्ट्र, गोवा और कोंकण के तटीय क्षेत्रों में बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। मुंबई और आसपास के इलाकों में सुबह से ही तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश देखी जा रही है। यह मानसून की शुरुआत देश के अन्य हिस्सों के लिए भी राहत की उम्मीद जगा रही है।
उत्तर भारत में गर्मी और बारिश का मिश्रित असर
उत्तर भारत में मौसम का मिजाज मिला-जुला है। उत्तर प्रदेश के बांदा, चित्रकूट, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर और लखनऊ जैसे शहरों में हल्की बारिश और धूल भरी आंधी की संभावना है। मौसम विभाग के लखनऊ केंद्र के अनुसार, अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा, और कुछ इलाकों में ओलावृष्टि भी हो सकती है।
वहीं, बिहार के पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी और पूर्णिया जैसे जिलों में हल्की से मध्यम बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। दूसरी ओर, राजस्थान में लू का प्रकोप जारी रहने की आशंका है, जहां तापमान 42-45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। हालांकि, वहां भी धूल भरी आंधी के आसार हैं।
पंजाब-हरियाणा में मौसम का दोहरा रंग
पंजाब और हरियाणा में मौसम का असर भी मिश्रित है। कुछ इलाकों में सुबह हल्की बूंदाबांदी ने गर्मी से राहत दी, तो कहीं लू और गर्मी का असर बना हुआ है। यह बदलाव मौसम की अनिश्चितता को दर्शाता है, जहां एक ओर राहत है, तो दूसरी ओर चुनौतियां बरकरार हैं।
क्यों बेअसर रहा नौतपा?
नौतपा, जो मई के अंत में सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के साथ शुरू होता है, आमतौर पर तीव्र गर्मी के लिए जाना जाता है। लेकिन इस बार प्री-मानसून बारिश, बादल और आंधी-तूफान ने इसकी तपिश को कम कर दिया। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मानसून की शुरुआती दस्तक और पश्चिमी विक्षोभ का असर इस बदलाव की वजह हो सकता है।
आने वाले दिनों का अनुमान
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में उत्तर भारत में गर्मी और बारिश का मिश्रित असर बना रहेगा। तटीय राज्यों में मानसून की प्रगति के साथ बारिश का दायरा बढ़ेगा। दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में हल्की बारिश गर्मी से राहत दे सकती है, लेकिन तापमान में ज्यादा कमी की उम्मीद नहीं है।
मौसम के इस अप्रत्याशित मिजाज ने नौतपा की परंपरागत गर्मी को फीका कर दिया है। बारिश, आंधी और मानसून की शुरुआत ने देश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम को विविध रंग दिए हैं। जहां तटीय इलाकों में मानसून की बारिश राहत दे रही है, वहीं उत्तर भारत में गर्मी और बारिश का मिश्रण मौसम को रोमांचक बना रहा है। आने वाले दिनों में मौसम के और क्या रंग देखने को मिलेंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।